अध्यापकों ने मुख्यमंत्री के खिलाफ किया प्रदर्शन
संस, मानसा : दस सालों से स्कूलों में सेवाओं निभा रहे उच्च योग्यता वाले अध्यापकों ने शुक्रवार को सां
संस, मानसा : दस सालों से स्कूलों में सेवाओं निभा रहे उच्च योग्यता वाले अध्यापकों ने शुक्रवार को सांझे अध्यापक मोर्चे का नेतृत्व में मुख्यमंत्री का पुतला फूंका और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। विदित हो कि पंजाब कैबिनेट की ओर से सर्व शिक्षा अभियान, राष्ट्रीय माधमिक शिक्षा अभियान, आदर्श और माडल स्कूलों के आठ हजार से ज्यादा अध्यापकों को रेगुलर करने के लिए मौजूदा वेतन में कटौती करने की शर्त लगाए जाने के फैसले ने अध्यापकों की नींद उड़ा दी है। हालांकि बाद में सरकार ने उक्त फैसले को रोक लिया गया, मगर इस घटनाक्रम ने सरकार की अध्यापक विरोधी मंशा बिल्कुल साफ नजर आ रही है। जिला प्रधान राजविन्दर ¨सह ने एकत्रित अध्यापकों को अपने संबोधन में कहा कि ठेका अधारित नौकरियां के अंतर्गत मानसिक और आर्थिक शोषण का शिकार अध्यापक वर्ग सरकार की तरफ से जा रहो ऐसी किसी भी धक्केशाही को कभी भी सहन नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से ऐलानी वित्तीय एमरजेंसी का शिकार बन रहे राज्य के हजारों कच्चे अध्यापकों में से तत्काल तौर पर सरकार के वेतन घटाकर रेगुलर करने की मार से परेशान एसएसए , रमसा, आदर्श और माडल स्कूल अध्यापकों ने संघर्ष को और तीखा और विशाल रूप देने की चेतावनी दी है। उन्होंने बताया कि अध्यापक सरकार और शिक्षा विभाग के भर्ती नियमों और तयशुदा योग्यताओं के अनुसार साल 2009 से अब तक भर्ती किए गए हैं, इसलिए उनको नई भर्ती के नियमों में उलझा कर बड़ा कुल्हाड़ा चलाया जा रहा है। अध्यापक अध्यापकों को पूरी वेतन पर पक्के करने, निरस्त अध्यापक नेताओं की निलंबन रद करने और अपने आप बने रेशनलाईजेशन नीति वापस लेने की मांग भी कर रहे हैें। प्रदर्शन के दौरान डीटीएफ के गुरप्यार कोटली,अमोलक डेलूआना,परमिन्दर ¨सह,हंसा ¨सह,आइइआरटी अध्यापक सत्तपाल, वरिन्दर कुमार, अंग्रेज ¨सह, जिला समिति मेंबर राजीव जैन, बलजिन्दर ¨सह, गुरमीत ¨सह, अमनदीप ¨सह, कुलदीप कौर, राधा रानी, वरिन्दर कौर,जसविन्दर ¨सह और गुरविन्दर ¨सह ने भी संबोधन किया।