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प्रभु से प्यार करें, व्यापार नहीं : सत्य प्रकाश मुनि

जहां पर भगत होगा वहां पर भगवान भी जरूर होगा। भक्तों को भगवान से मिलाने वाली शक्ति है भगत।

By JagranEdited By: Published: Sun, 25 Jul 2021 10:25 PM (IST)Updated: Sun, 25 Jul 2021 10:25 PM (IST)
प्रभु से प्यार करें, व्यापार नहीं : सत्य प्रकाश मुनि
प्रभु से प्यार करें, व्यापार नहीं : सत्य प्रकाश मुनि

संसू, सरदूलगढ़ : जहां पर भगत होगा वहां पर भगवान भी जरूर होगा। भक्तों को भगवान से मिलाने वाली शक्ति है भगत। उक्त विचार उप प्रवर्तक ज्योतिषाचार्य गुरुदेव सत्य प्रकाश जी महाराज ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि हमारे भारतवर्ष में भक्ति तो बहुत लोग करते हैं। लेकिन कई भक्त पैसे के लिए प्रभु की भक्ति करते हैं। धर्म भी करता है तो धन के लिए वह मंदिर जाता है, मंदिर में भगवान से मांगता है कि प्रभु मेरा यह काम कर दे। मैं मंदिर में प्रसाद बांट कर जाउंगा।

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महाराज जी ने कहा कि कम से कम भक्ति में मिलावट न करो, प्रभु से प्यार करो पर उसे व्यापार न बनाओ। कुछ भक्त ज्ञानी होते हैं जो ज्ञान व विवेक पूरक भगवान की भक्ति करते हैं। उनमें में न कोई मांग होती है न ही कोई शिकवा शिकायत होती है, वह तो निष्काम और निस्वार्थ प्रभु की भक्ति करते हैं। ऐसे वक्त ही सच्चे भक्त होते हैं। इस धर्म सभा को सेवाभावी समर्थ मुनि जी महाराज ने भी संबोधन किया। इस धर्म सभा में जैन महासभा पंजाब के उपाध्यक्ष धर्मेंद्र जैन मुन्ना, जैन सभा के महामंत्री वीरेंद्र जैन, कोषाध्यक्ष सोहन लाल जैन, पन्ना लाल गोठी, पवन कुमार अग्रवाल, रतन लाल अग्रवाल, दीपचंद गोठी, संजीव जैन गोठी, संजीव जैन बब्बू, महिला मंडल की अध्यक्ष सीमा जैन आदि मौजूद थे।

धर्मवाणी से पापी भी पुण्यवान बन जाते हैं : डा. राजेंद्र मुनि

बठिडा मे जैन सभा के प्रवचन हाल में जैन संत पूज्य डा. राजेंद्र मुनि ने कहा कि धर्म श्रवण से पापों से मुक्ति होती है। मानव दिन भर के कामों से कहीं न कहीं मन वचन काया से कर्म बंधन करता रहता है, खाने-पीने चलने-फिरने व्यापार व्यवसाय आदि कार्यों में बंधन होता है। धर्म स्थल एक ऐसा पवित्र स्थान है जहां आकर सुदृढ़तापूर्वक धर्म वाणी या पूजा पाठ में चित लगाता हो तो जबरदस्त पुण्योपार्जन का भागी बनता है। इतिहास साक्षी है कि महात्मा बुद्ध के संपर्क से अंगुलीमार डाकू भी साधु बन गए। अर्जुन माली जैसा हत्यारा प्रभु महावीर के संपर्क से तपस्वी बनकर अपनी आत्मा का कल्याण कर लेता है।

सभा में इसके पूर्व साहित्यकार श्री सुरेंद्र मुनि ने जिनवाणी का महत्व बतलाते हुए कहा इसे श्रवण कर हत्यारों की हत्याएं समाप्त हो गई चोरों की चोरियां छूट गई। प्रभु के तप के आगे उसका राक्षसी बल समाप्त हो जाता है। सभा में महामंत्री उमेश जैन ने बाहर से आऐ हुए समाजसेवी जनों का संघ द्वारा हार्दिक अभिनंदन किया किया व समाज द्वारा सामूहिक गुरु वंदना अर्पित की गई।


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