Move to Jagran APP

स्वाइन फ्लू को लेकर जिला प्रशासन ने कसी कमर

नानक ¨सह खुरमी,मानसा : पड़ोसी राज्य हरियाणा और राजस्थान में स्वाइन फ्लू से कई लोगों की मौत के बाद प

By JagranEdited By: Published: Sat, 19 Jan 2019 03:47 PM (IST)Updated: Sat, 19 Jan 2019 03:47 PM (IST)
स्वाइन फ्लू को लेकर जिला प्रशासन ने कसी कमर
स्वाइन फ्लू को लेकर जिला प्रशासन ने कसी कमर

नानक ¨सह खुरमी,मानसा :

loksabha election banner

पड़ोसी राज्य हरियाणा और राजस्थान में स्वाइन फ्लू से कई लोगों की मौत के बाद पंजाब सरकार भी सतर्क हो गई है और इसी के तहत सेहत विभाग मानसा के अधिकारियों ने भी इस जानलेवा बीमारी से निपटने के लिए कमर कस ली है। गौरतलब है कि पंजाब में भी स्वाइन फ्लू से कुछ लोगाों मौत हुई है और कई अस्पताल में भर्ती हैं। जिले के सेहत अधिकारियों ने इस बीच लोगों से कहा कि स्वाइन फ्लू से डरने की कोई बात नहीं है और यह छुआछूत की बीमारी नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि इस रोग को लेकर कोई व्यक्ति किसी तरह का अंधविश्वास भी न रखे। राज्य सरकार स्वाइन फ्लू के इलाज के लिए सभी दवाएं फ्री दे रही है और इसके सभी टेस्ट भी फ्री किए जाते हैं। राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों, डिस्पैंसरियों व ब्लॉक स्तरीय अस्पतालों में इस बीमारी का इलाज बिल्कुल फ्री में किया जाता है। मानसा के सरकारी अस्पताल के सहायक सिविल सर्जन डॉ. सु¨रदर ¨सह, एसएमओ मानसा अशोक कुमार तथा एपीडीमोलोजिस्ट डॉ. संतोष भारती ने बताया कि स्वाइन फ्लू को तीन कैटेगिरी (ए-बी-सी) में बांटा गया है।

कैटेगरी-ए, बी और सी के मरीजों के ये होते हैं लक्षण

इस श्रेणी के तहत वे मरीज आते है जिनको पिछले 5 से 7 दिन से खांसी, जुकाम और बुखार आ रहा हो। कैटेगरी-बी में कैटेगरी-ए वाले सभी मरीज आ जाते हैं। इसके अलावा इस श्रेणी में डायबटिक, फेफड़े की तकलीफ,दिल व लीवर,किडनी,कैंसर और इमोन्यिूट सिस्टम की खराबी, रेडिएशन की थैरेपी ले रहे व्यकित, दिमाग की बीमारी वाले और 65 साल से अधिक उम्र वाले बुजुर्ग आते हैं। वहीं कैटेगरी-सी में से रोगी आते हैं जिन्हें सांस की बीमारी, थकावट महसूस हो, ब्लड प्रेशर कम हो, हेमटोसिस जिससे खांसी में ब्लड आ जाता है, कनोसिस, नाक व नाखुन में खून आना व शरीर का रंग बदलना आदि लक्षण हैं। डाक्टरों का कहना है कि इसके अलावा बच्चे जो फीड नहीं लेते है या किसी को सांस लेने में दिक्कत हो, सीने में दर्द हो तो कैटेगरी-सी के मरीजों के लिए दवाई के साथ-साथ सैंपल लेने होते हैं।

मानसा में बनाया गया है दो बेड वाला रूम : डॉक्टर्स

सेहत विभाग के डॉक्टरों ने बताया कि मरीजों को सुबह का नाश्ता व रात का खाना देने के बाद स्वाइन फ्लू की दवा लेनी होती है। यह पांच दिन का कोर्स होता है। उन्होंने कहा, हमने स्वाइन फ्लू के लिए मानसा में दो बेड वाला रूम बनाया है। इसके लिए वेंटीलेटर, स्टाफ की ड्यूटी लगाई जाती है तथा एक एमडी डॉ. की तैनाती की जाती है।

ज्यादा जानकारी के लिए 98888-61178 पर संपर्क कर सकते हैं

मानसा में डॉ. पंकज के निर्देशन में रोग का डायगोनिस्सि व इलाज किया जाता है। डॉक्टरों ने कहा, हमारे यहां फ्लू कार्नर भी बनाया गया है। अगर किसी को भी इस बारे में और अधिक जानकारी लेनी हो ते डॉ. संतोष भारती से उनके मोबाइल नबर 98888-61178 पर संपर्क कर सकता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.