छोटे कद के चलते पंजाब पुलिस में नहीं मिली नौकरी, कबड्डी में देश को दिलाया सिल्वर
एशियन गेम्स में रजत पदक जीतने वाली छोटे कद की मनप्रीत कौर का कबड्डी में आज ऊंचा नाम है। कभी कद छोटा होने से उन्हें पंजाब पुलिस में नौकरी ही नहीं मिली थी।
मानसा [नानक सिंह खुरमी]। एशियन गेम्स में रजत पदक जीतने वाली छोटे कद की मनप्रीत कौर का कबड्डी में आज ऊंचा नाम है। कद छोटा होने से कभी उन्हें पंजाब पुलिस में नौकरी ही नहीं मिली थी। आज उनकी चांदी ही चांदी है। वह राजस्थान पुलिस में सब इंस्पेक्टर हैं तो राष्ट्रीय कबड्डी खिलाड़ी के रूप में एक अलग रुतबा भी।
मनप्रीत कौर मानसा जिले के गांव कासिमपुर छीना की मूल निवासी हैं। उनके पिता हरदीप सिंह पूर्व कबड्डी खिलाड़ी हैं। माता परविंदर कौर गृहिणी हैं। उनके दो भाई व एक बहन हैं। हरदीप सिंह बताते हैं, मेरी बेटी मनप्रीत कौर को बचपन से ही कबड्डी खेलने का शौक था। मैंने उसका उत्साह बढ़ाया। वह मेहनत और लगन से कबड्डी में भाग लेने लगी। धीरे-धीरे उसकी मेहनत रंग लाने लगी। उसने वर्ष 2008 में पंजाब स्कूल गेम्स में स्वर्ण पदक जीता। इसके बाद उसने विभिन्न मुकाबलों में जीतकर पदकों का ढेर लगा दिया।
कद छोटा होने से पंजाब पुलिस में नहीं मिली थी नौकरी
बकौल हरदीप सिंह, अपनी खेल उपलब्धियों को आधार बनाकर बेटी मनप्रीत ने पंजाब पुलिस में नौकरी के लिए अावेदन किया। कद छोटा पड़ जाने की वजह से नौकरी नहीं मिली। मनप्रीत ने हिम्मत नहीं हारी। उसने राजस्थान पुलिस में भर्ती के लिए आवेदन दिया। उसे वर्ष 2015 में सब इंस्पेक्टर की नौकरी मिल गई थी।
यूनिवर्सिटी में भी जमाई धाक
पुरानी यादें ताजा होती हैं तो पिता हरदीप सिंह भावुक हो उठते हैं। कहते हैं, मुझे आज भी याद है कि मनप्रीत ने जब पहली बार पंजाब स्कूल गेम्स में स्वर्ण पदक जीता था तो बहुत खुश थी। इसके बाद उसने कदम जो आगे बढ़ाए तो पीछे मुड़कर नहीं देखा। मनप्रीत ने 2011-12 में पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ की ओर से ऑल इंडिया इंटरवर्सिटी कंपीटिशन में मुकाबलों में खेलना शुरू किया।
2013 में चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी मेरठ की ओर से आयोजित ऑल इंडिया इंटरवर्सिटी कंपीटिशन में रजत पदक जीता। पंजाबी यूनिवर्सिटी की ओर से आयोजित मुकाबलों में लगातार 3 साल तक कांस्य पदक जीते। वर्ष 2016 में पटियाला में आयोजित राष्ट्रीय महिला खेलों में मनप्रीत कौर की कप्तानी में पंजाब की टीम ने नेशनल स्टाइल कबड्डी में स्वर्ण पदक जीता। वह सर्कल स्टाइल कबड्डी के तीसरे विश्व कप (2013) की चैंपियन भारतीय टीम की स्टापर थी।
बेटी ने हमारा मान बढ़ाया
मनप्रीत कौर की उपलब्धियां बताते-बताते पिता हरदीप सिंह तो भावुक हो उठते हैं। मां माता परविंदर कौर की आंखों से भी खुशी के आंसू बहने लगते हैं। वह कहती हैं, बेटी ने हमारा मान बढ़ा दिया है।