पार्षदों की आपसी फूट बनी विकास कार्यो में रोड़ा
नानक ¨सह खुरमी, मानसा : नगर सुधार सभा मानसा कार्यकारी प्रधान सोहन लाल ठेकेदार ने कहा कि नगर कौंसि
नानक ¨सह खुरमी, मानसा : नगर सुधार सभा मानसा कार्यकारी प्रधान सोहन लाल ठेकेदार ने कहा कि नगर कौंसिल मानसा के मौजूदा पार्षदों की मियाद लगभग तीन साल के करीब समाप्त हो गई है। परंतु इन 3 वर्षो में नगर कौंसिल मानसा की कारगुजारी से शहर निवासी पूरी तरह दुखी हैं। उन्होंने कहा कि इस कार्यकाल में शहर की समस्याओं की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया गया।
जतिंदर ने कहा कि चुने हुए पार्षद जिस उद्देश्य के लिए चुने गए हैं वह उनके प्रति संजीदा नहीं है। पार्षदों का काम सिर्फ वेतन लेना और टाईम पास करना नहीं है। महासचिव-अशोक सपोलिया और प्रेस सचिव नरेश कुमार बिरला ने कहा कि मौजूदा पार्षदों की कारगु•ारी बिलकुल सही नहीं है। क्योंकि सभी पार्षद सिवाए लड़ाई -झगड़े, ग्रुप बाजी और समिति की अध्यक्षता का झगड़ा जानबूझ कर समाप्त नहीं करना चाहते जिस कारण सभी शहर निवासी समिति से दुखी हैं।
इस मौके तरसेम चंद, भीम सैन, सचिव राम कृष्ण चुघ, कामरेड राम कुमार, हंस राज गर्ग, रमेश टोनी, कृष्ण गोपाल, गोरा लाल जिन्दल, राम गोपाल, बदरी नारायण , नवल गोयल, रवि शंकर सोढी, मनोज गोयल, कुलवंत राय, बलराज बल्ली, जगन नाथ, डा. अर्जुन सेठी आदि उपस्थित थे।
आपसी फूट छोड़ शहर के विकास में दें ध्यान
जो अनुदान शहर के सुधार के लिए आता है, तो लोगों की तरफ से इन चुने हुए नगर पार्षदों की आपसी फूट से शहर का विकास नहीं हो पाता। उन्होंने मौजूदा नगर पार्षदों से अपील की कि अपने स्वार्थ और आपसी फूट को छोड़कर शहर की भलाई के लिए कोई योजना बनाएं।
अपने ही दफ्तर की हालत दयनीय
सभा के सरप्रस्त जतिंदर आगरा का कहना है कि जिस समिति के अपना दफ्तर के हालत ही दयनीय हो तो उससे शहर के सुधार की क्या उम्मीद की जा सकती है। उन्होंने कहा कि मानसा की नगर कौंसिल ए-क्लास होने के बावजूद भी उसका अपना कोई ढंग का दफ्तर नहीं है और न ही शहर के सुधार के लिए कोई ठोस नीति है।
ये हैं मुख्य समस्याएं
शहर की समस्याओं में अंडर ब्रिज का बुरा हाल है, सीवरेज की ओवरफ्लो, वाटर स्पलाई में सीवरेज के पानी का मिलना, स्ट्रीट लाइटें, सड़कें और बारिश के दौरान चारों तरफ पानी भर जाता है।