भाकियू (कादियां) ने सरकार के समक्ष उठाई मांगें
संस, मानसा : भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) कादियां जिला मानसा की बैठक गुरुद्वारा साहिब मानसा में हुई।
संस, मानसा : भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) कादियां जिला मानसा की बैठक गुरुद्वारा साहिब मानसा में हुई। मी¨टग की कार्रवाई जरनैल ¨सह सतीके की अध्यक्षता में हरदेव ¨सह कोटधरमू ने चलाई। जरनैल ¨सह ने कहा कि इस बार किसानों की दीवाली बैरंग रही है, जोकि अनाज मंडियों में ही बीती है। राज्य के किसानों के लिए खेती अब घाटे का सौदा बनकर रह गई है। पंजाब सरकार ने 20 जून से धान की फसल बोने के लिए समय दिया है वह बिल्कुल गलत है, क्योंकि राज्य के किसानों को धान लगाने के लिए दिए एक ही समय में पानी का लेवल ओर नीचे चला गया है।
नेता ने कहा कि दूसरे राज्य सरकार ने धान की फसल खरीद के समय 17 प्रतिशत नमी का मानक निश्चित किया हुआ है वह धान की फसल लेट बोने के कारण नमी की मात्रा 24 प्रतिशत से अधिक आ रही है तथा धान की फसल लेट लगाने के कारण 5 से 7 क्विंटल धान की पैदावार में कमी आई है।
महासचिव हरदेव ¨सह कोटधरमू ने कहा कि उपरोक्त बात इसका ठोस प्रमाण है कि पंजाब सरकार की तरफ से घोषित की गई 20 जून की तारीख का फार्मूला बिल्कुल ही फेल हो गया है।
महेंद्र ¨सह दलेल ¨सह वाला उप प्रधान ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा जो गेहूं का समर्थन मूल्य 1840 रुपए रखा है वह लागत की अपेक्षा बहुत कम है, क्योंकि पिछले समय में डीएपी और यूरिया खाद,डील, कीटनाशक दवाएं आदि पर जीएसटी लगने से जो विस्तार हुआ है उसके सामने तो 105 रुपए का विस्तार तो ऊंट के मुंह में जीरा के समान है, उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार स्वामीनाथन की रिपोर्ट को अच्छी तरह लागू करने में असफल रही है और कहा कि केंद्र सरकार 2019 में आने वाली गेहूं और 500 रुपए प्रति ¨क्वटल बोनस देने का ऐलान करे।
किसानों का कहना है कि आगामी फसल की बिजवाई जिले में जोरों पर है, मगर सरकार द्वारा अब तक सब्सिडी वाले बीज के फार्म भरवाकर कृषि विभाग को गेहूं की बिजवाई की तरफ ध्यान देने की बजाय आंखें मूंद ली है। जबकि अभी तक न ही तो ब्लाकों के दफ्तरों में बीज है न ही सरकार की हिदायतों पर किसान अपनी मर्जी से कोई बीज खरीद सकता है।
जत्थेबंदी ने कहा कि अगर तुरंत किसानों को बीज न दिए तो जत्थेबंदी जल्दी एक्शन लेगी।
भारतीय किसान यूनियन कादियां पंजाब समिति ने फैसला किया कि हाईकोर्ट में जो केस आग लगाए जाने के बारे में ग्रीन ट्रिब्यूनल के कानून सम्बन्धित चल रहा है उसकी पैरवी जत्थेबंदी कर रही है। पराली की समस्या का हल जल्दी हाईकोर्ट से लेकर देगी।
इस मौके पर जरनैल ¨सह, हरदेव ¨सह कोटधरमू, गुरतेज ¨सह नंदगढ़, महेन्दर ¨सह दलेल ¨सह वाला, नाजर ¨सह ख्याला, हरदयाल ¨सह बरनाला, हरनेक ¨सह फरवाही, अजैब ¨सह ख्याला, बाबू ¨सह ¨धगड़ आदि मौजूद थे।