सत्ता के साथ बुझ गई स्ट्रीट लाइटें
गगन खुडाल, बरेटा (मानसा) : पिछली सरकार के समय बरेटा को जारी हुई ग्रांटों से शहर में लगाई गई स्ट्रीट
गगन खुडाल, बरेटा (मानसा) : पिछली सरकार के समय बरेटा को जारी हुई ग्रांटों से शहर में लगाई गई स्ट्रीट लाइटें अब बंद चुकी है। मौजूदा सरकार लोगों को अंधेरे से निजात दिलाने के लिए कोई कारगार कदम नहीं उठा रही। जिसकेचलते लोगों में कैप्टन सरकार के खिलाफ भारी रोष पनपता नजर आ रहा है। सूर्य अस्त होते ही शहर में अंधेरा पसर जाता है। पूर्व सरकार के समय में जारी हुई सरकारी ग्रांटों से शहर में स्ट्रीट लाइटें लगाई जानी थी तथा बरेटा शहर की सुंदरता बनाने के लिए करोड़ों रुपये पूर्व सरकार द्वारा जारी किए थे। उक्त लाइटों की पूरी जिम्मेदारी ब¨ठडा डिवेल्पमेंट अथॉरिटी (बीडीए) को सौंपी गई थी, मगर अब पिछले काफी समय से उक्त सभी लाइटें बंद होकर रह गई है। पूर्व सरकार ने इन लाइटों पर करोड़ों रुपये खर्च किए मगर इनमें से अब नामात्र ही लाइटें चलती नजर आतीं है।
कौंसिल ने अपनाई काम चलाऊ नीति
सूत्रों अनुसार इन लाइटों का हिसाब-किताब बीडीए के पास ही है। एक लाइट की अनुमानित कीमत करीब 50 हजार रुपये है। यदि इसकी मुरम्मत करवानी हो तो इस पर लगभग चार हजार रुपए प्रति लाइट खर्चा आता है, परन्तु गारंटी नहीं है। इस कारण शहर निवासियों को अंधेरे से बचाने के लिए नगर कौंसिल अपने स्तर और कई वार्डो में इन पोलों पर साधारण लाइटें लगाकर ही समय बिता रही है।
चोरियों का सता रहा डर
दूसरी तरफ शहर वासियों का कहना है कि नगर कौंसिल की तरफ से लगाई गई साधारण लाइटें भी नामात्र ही चलती हैं। उनका कहना है कि इन लाइटों के खराब होने पर शहर वासियों को घरों और दुकानों में चोरियां होने का डर भी सता रहा है तथा इस बारे वह कई बार नगर कौंसिल के उच्च अधिकारियों के ध्यान में ला चुके है मगर हर बार फंड न होने का बहाना लगा कर पल्ला झाड़ देते हैं।
नहीं हैं समान और फंड
जब इसे लेकर नगर कौंसिल के इंस्पेक्टर बीरबल दास के साथ बात की तो उन्होंने कहा कि हमारे पास समान और फंडों की कमी है।