सत्संग से खुलता है मोक्ष का रास्ता: स्वामी राम तीर्थ
संस, मानसा : जब हम सत्संग में बैठे होते है, तो भगवान हमारे पास होता है और अज्ञानता का नाश
संस, मानसा : जब हम सत्संग में बैठे होते है, तो भगवान हमारे पास होता है और अज्ञानता का नाश होता है व मोक्ष का रास्ता खुलता है तथा मानव हर समय भक्ति में लीन रहने लगता है। उक्त प्रवचन गोशाला में चल रहे श्रीमद भागवत सप्ताह यज्ञ में स्वामी करनैल दास जी के सुशिष्य श्री स्वामी राम तीर्थ जी महाराज जलाल वालों ने दिए।
उन्होंने भागवत का महत्व समझाते हुए कहा कि भगवान के एक एक शब्द में भगवान बसता है, भगवान वो संगम है जिसमें स्नान करने से मन निर्मल हो जाता है। जब हम दिल से भगवान की कथा सुनने बैठते है, तो हमें आनंद का ही अनुभव होता है। भगवान को और पाने को दिल करता है। सत्संग सुनने के बाद हमारा मन एकाग्र चित हो जाता है जिससे हमारी ज्ञानइंद्रियों व कर्म इंद्रियों की एकग्रता बढ़ती है। इस अवसर पर संगत ने एकाग्रचित होकर संतो के प्रवचन सुने। कार्यक्रम में की ज्योति की रस्म अशोक दानेवालिया, पुरुषोत्तम बांसल, दीपक कुमार दीपा ने अदा की। प्रधान मोनू दानेवालिया ने आए सभी मेहमानों का स्वागत किया।