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फायर बुझाने में कर्मी नहीं हायर

गेहूं के सीजन में आग लगने की घटनाएं अकसर हो जाती हैं लेकिन शहर में इस पर काबू पाने के लिए बना फायर स्टेशन खुद रब आसरे चल रहा है। जिले के 245 गांवों व शहर में आग की घटनाओं पर काबू पाने के लिए इस स्टेशन में बेशक दो गाडि़यां है लेकिन 24 घंटे चलने वाली शिफ्ट के लिए फायर अफसर सहित पांच कर्मचारी तैनात हैं। अगर कोई आग की घटना हो तो यह कर्मचारी दफ्तर को ताला लगाकर निकल जाते हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 15 Apr 2019 07:00 PM (IST)Updated: Mon, 15 Apr 2019 07:00 PM (IST)
फायर बुझाने में कर्मी नहीं हायर
फायर बुझाने में कर्मी नहीं हायर

जीवन क्रांति, मानसा : गेहूं के सीजन में आग लगने की घटनाएं अकसर हो जाती हैं, लेकिन शहर में इस पर काबू पाने के लिए बना फायर स्टेशन खुद रब आसरे चल रहा है। जिले के 245 गांवों व शहर में आग की घटनाओं पर काबू पाने के लिए इस स्टेशन में बेशक दो गाडि़यां है, लेकिन 24 घंटे चलने वाली शिफ्ट के लिए फायर अफसर सहित पांच कर्मचारी तैनात हैं। अगर कोई आग की घटना हो तो यह कर्मचारी दफ्तर को ताला लगाकर निकल जाते हैं। जानकारी अनुसार मानसा को जिला बनाने से पहले यहां फायर ब्रिगेड में दर्जनों के करीब कर्मचारी तैनात थे, लेकिन इसके बाद फायर कर्मचारियों की गिनती में कमी आती रही। ऐसे हालत में अगर कोई घटना हो जाए तो उसकी भगवान ही रक्षा करने वाला है, क्योंकि एक शिफ्ट में एक ड्राइवर व एक फायरमैन ही उपस्थित होते हैं, जोकि काफी स्थानों पर आग पर काबू पाने के लिए काफी नहीं है। स्टेशन में अभी एक फायर अफसर, दो फायरमैन, दो ड्राइवर के अलावा दो आरजी कर्मचारी सहित सात कर्मचारी काम कर रहे हैं।

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प्रस्ताव तो पास, भर्ती नहीं

नगर कौंसिल इस काम के लिए कर्मचारियों की भर्ती करने का प्रस्ताव तो पास कर देती है, लेकिन भर्ती नहीं की जाती। दूसरी ओर फायर स्टेशन में गाड़ियों को खड़ा करने के लिए कोई शैड नहीं है जिसके कारण गाड़ियां बाहर खुले में खड़ी खराब हो रही हैं।

ठेकेदारी सिस्टम से चलाया जा रहा काम

फायर अफसर राजकुमार ने कहा कि फायर स्टेशन में कर्मचारियों की कमी है जिसके चलते काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की कमी के बारे में उच्च अधिकारियों को लिखकर दिया गया है, फिलहाल ठेकेदारी सिस्टम के जरिए दो कर्मचारियों से काम लिया जा रहा है।

एक शिफ्ट के लिए भी स्टाफ अधूरा

फायर दफ्तर में तैनात ड्राइवर जंगीर सिंह ने कहा कि कर्मचारी 24 घंटे ड्यूटी करने के लिए मजबूर हैं, क्योंकि एक शिफ्ट के लिए भी स्टाफ पूरा नहीं। गेहूं के सीजन में बिजली विभाग द्वारा बिजली की सप्लाई बंद कर दी जाती है, जिससे फायर टैंकर में पानी भरना भी मुश्किल हो जाता है। उन्होंने मांग करते कहा कि स्टाफ की कमी को दूर किया जाए और टैंकर में पानी भरने का पूरा प्रबंध किया जाए।


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