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किसान मंडियों में ही मनाएंगे दीवाली

हरजीत ¨सह जोगा, जोगा : सरकार की तरफ से धान के खरीद प्रबंध सन्तोषजनक होने के दावे किये जा रहे हैं लेक

By JagranEdited By: Published: Tue, 06 Nov 2018 05:33 PM (IST)Updated: Tue, 06 Nov 2018 05:33 PM (IST)
किसान मंडियों में ही मनाएंगे दीवाली
किसान मंडियों में ही मनाएंगे दीवाली

हरजीत ¨सह जोगा, जोगा : सरकार की तरफ से धान के खरीद प्रबंध सन्तोषजनक होने के दावे किये जा रहे हैं लेकिन फिर भी किसान दीवाली की रात को अनाज मंडियों में ही बैठने को मजबूर होंगे। सोमवार को हुई हलकी बारिश के चलते धान में नमी की मात्रा अधिक होने के कारण मंडियों में धान के बड़े-बड़े अंबार लग गए हैं। सरकार की तरफ से धान में नमी की मात्रा 17 प्रतिशत निर्धारित की गई है और किसान जत्थेबंदियां शुरू से ही इसको बढ़ाने के लिए संघर्ष कर रही हैं। इस नमी के चलते किसानों को मंडियों में कई-कई दिन बैठना पड़ रहा है। दूसरे तरफ मौसम में भी नमी बढ़ने और धुएं के कारण धूप न निकलने से धान में नमी की मात्रा घटने का नाम नहीं ले रही। सब डिविजन जोगा के गांवों रल्ला, अकलिया, बुर्ज झब्बर, रड, माखा, अनूपगढ़, उभ्भा आदि की अनाज मंडियों में बैठे किसान अपने धान की बोली लगने का इंतजार कर रहे थे। आज दीवाली के कारण बोली संभव नहीं लगती, जिस कारण किसानों की दीवाली की रात भी मंडियों में ही गुजरेगी।

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कई दिनों से मंडी में बैठे है किसान

किसानों के साथ बातचीत करने पर उन्होंने बताया कि वह इस आशा से मंडियों में बैठे थे कि वह अपनी फसल बेचकर घर में इंतजार कर रहे अपने बच्चों के साथ दीवाली मनाएंगे। परन्तु धान में नमी के कारण उनकी दीवाली मंडियों में ही गुजरेगी। कस्बा जोगा की मंडी में अपनी धान की फसल बेचने के लिए बैठे चरनजीत ¨सह, सुखपाल ¨सह और गुरजीत ¨सह ने कहा कि वह पिछले कई दिनों से मंडी में बैठकर इंतजार कर रहे हैं कि कब धान की बोली लगे और वह फसल बेच कर घर जा सकें।

पटाखों के लिए घर में बच्चे देख रहे राह

मंडी में बैठै किसानों ने कहा कि घर में बच्चे इस इंतजार में हैं कि फसल बेचने के बाद उनको मिठाईयां और पटाखे मिलेंगे। परन्तु लगता है कि बच्चों की दीवाली मनाने की यह रीझ इस साल पूरी नहीं हो सकती।

धान की बोरियों पर सोकर गुजारेंगे रात

किसानों ने कहा कि हमारी दीवाली मंडी में धान की बोरियों पर सो कर ही गुजरेगी। इसी तरह की होनी अन्य भी बहुत से किसानों की थी, जिनको इस बात की बहुत मायूसी थी कि वह इस दीवाली के मौके पर अपने परिवार के साथ न होकर मंडियों में परेशान होने के लिए मजबूर हैं।


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