गरीब बच्चों को नवोदय व मेरीटोरियस स्कूल में पहुंचा रहे हिमांशु
स्लम बस्ती व दिहाडीदार मजदूर वर्ग के बच्चों को शिक्षा देने व परीक्षा पास करने के लिए मुफ्त को¨चग देकर उन्हें अपने पैरों पर खड़ा करने का प्रयास कर रहे हिमांशु ¨सगला। हिमांशु ¨सगला का जिला मानसा में अपना ही स्थान है।
जसपाल जस्सी,बोहा
स्लम बस्ती व दिहाडीदार मजदूर वर्ग के बच्चों को शिक्षा देने व परीक्षा पास करने के लिए मुफ्त को¨चग देकर उन्हें अपने पैरों पर खड़ा करने का प्रयास कर रहे हिमांशु ¨सगला। हिमांशु ¨सगला का जिला मानसा में अपना ही स्थान है।
बरेटा मंडी में जन्मे हिमाशु ¨सगला ने शिक्षा विभाग में बतौर अध्यापक वर्ष 2016 में पद ग्रहण किया गया लेकिन शिक्षा से दूर रहने व कई प्रकार की परेशानियां झेलने वाले स्लम एरिया व दिहाड़ीदार मजदूर वर्ग के बच्चों को शिक्षा का ज्ञान देना शुरू किया।
अध्यापक ¨सगला ने स्लम एरिया के बच्चों को मुफ्त को¨चग, वर्दी, किताबें व अन्य समान देकर नवोदय व मेरीटोरियस स्कूल में पहुंचने के काबिल बनाया।
उन्होंने स्लम एरिया के बच्चों पर मेहनत कर उक्त परिवारों के तीन दर्जन बच्चों को जवाहर नवोदय व मेरीटोरियस स्कूल में दाखिल करवाया। इस काम के लिए हिमाशु ¨सगला का नाम बरेटा मंडी के अलावा पूरे जिले में सम्मान के साथ लिया जाता है। नवोदय में पढ़ रही एक बच्ची की मां बली देवी ने बताया कि उनके परिवार में कोई पढ़ा-लिखा नहीं है लेकिन अध्यापक हिमांशु ने एक दिन उसकी बेटी कविता को पढ़ने के लिए प्रेरित किया। इसके उपरांत अध्यापक ने उनके मोहल्ले मे आकर कविता सहित अन्य बच्चों को शिक्षा देनी शुरू की। इसी तरह राम कुमार ने बताया कि अध्यापक हिमांशु की प्रेरणा से उनकी बच्ची सुनीता फफडे़ भाइके में सातवीं कक्षा में पढ़ाई कर रही है।
प्रसिद्ध नावलकार अजीज सरोए ने कहा कि अध्यापक हिमांशु ने करीब एक दशक पहले की कड़ी मेहनत से दर्जनों बच्चों को परीक्षाएं पास करवा कर शिक्षा के क्षेत्र में ऊंचा स्थान हासिल किया है। हिमांशु ¨सगला ने अपने इस काम को मुकाम तक लेकर जाने का श्रेय अपनी माता व अपने साथी अध्यापकों को दिया है।