रितु बनी मिस और जतिंदर बने मिस्टर फ्रेशर
यूनिवर्सिटी कालेज आफ एजुकेशन की तरफ से डा. आशा यादव की अगुआई में प्रतिभा खोज मुकाबले करवाए गए।
संसू, तलवंडी साबो: गुरु काशी यूनिवर्सिटी तलवंडी साबो के गुरु गोबिद सिंह कालेज आफ एजुकेशन में यूनिवर्सिटी कालेज आफ एजुकेशन की तरफ से डा. आशा यादव की अगुआई में प्रतिभा खोज मुकाबले करवाए गए। इस दौरान डा. जगतार सिंह धीमान मुख्य मेहमान के तौर पर डायरेक्टर फाइनांस डा. नरिदर सिंह, डीन डा. गुबिदरपाल सिंह विशेष मेहमान के तौर पर शामिल हुए।
समारोह का आगज डा. यादव के स्वागति भाषण से हुआ। इस दौरान पंजाबी लोक कलाएं जैसे पीढ़ी बुनना, कढ़ाई, सेविया बनाना, मेहंदी, रंगोली, लोग गीत व गीतों के मुकाबले करवाए गए। पहले सेमेस्टर के विद्यार्थियों का स्वागत किया गया। फिर जान पहचान करवाई गई। मुकाबलों में जजों की तरफ से रितु कौर को मिस फ्रेशर व जतिदर सिंह को मिस्टर फ्रेशर चुना गया। प्रधानगी भाषण में डा. धीमान ने कहा कि यूनिवर्सिी हर संभव कोशिश कर रही है कि पीढ़ी को पंजाबी विरसे व सभ्याचार के बारे में बताया जाए। इसके अलावा पंजाब में अलोप हो रही लोक कलाओं को एक बार फिर लाया जाए। वहीं वाइस चांसलर डा.पुष्पिदर सिंह औलख ने मुख्य मेहमान के तौर पर विजेता विद्यार्थियों को इनाम बांटे। इस दौरान संबोधित करते हुए कहा कि सुखम कलाओं विद्यार्थियों के व्यक्तितव विकास में अपना योगदान आद करती है। हसना, खेलना तंदरुसत जिदगी का अहम हिस्सा है। उन्होंने विद्यार्थियों को अपनी प्रतिभा रचनात्मक व सिरजनात्मक कार्यों में लगाने की अपील की। पंजाबी को माइनर विषय की सूची में रखने की निंदा साहित्यक सिरजना मंच की मीटिग टीचर होम में प्रधान सुरिदरप्रीत घणिया की अगुआई में की गई। इस मीटिग में सभा के मेंबरों के अलावा प्रवासी लेखक व शब्द तृजण के संपादक मंगत कुलजिद भी शामिल हुए। मीटिग की शुरूआत सुरिदरप्रीत घणिया के स्वागती शब्दों से हुई। रचनाओं के दौर में कवित्री राजनदीप कौर मान की तरफ से मिनी कहानी दीवियां वाली माई, अमरजीत कौर हरड़ की तरफ से मिन्नी कहानियां भांडा, सुरिदरप्रीत घणिया की तरफ से नई गजल, निरंजन प्रेमी दो रुबाइया, सुखदर्शन गर्ग की तरफ से दो रुबाइया, जगमेल सिंह जठोल की तरफ से मिन्नी कहानी मोबाइल फोन, जसंवत जस, बठिडा की तरफ से गजल, मंगल कुलजिद की तरफ से प्रवास के साहित्यक अनुभव दो कावि, हास रचनाएं खतरनाक अक्षर पर रिकशा, दवि सिद्धू की तरफ से चार कविताएं खूबसूरत औरत, संजीवनी बूटी, करिश्मा व खड़ाक सुनाई गई।