कर्फ्यू में 25 युवकों ने संवार दिया उजड़ा चमन, पार्क पर जेब से खर्च किए 60 हजार
युवकों ने अपनी जेब से 60 हजार रुपए खर्च करके पार्क की कायाकल्प करके रख दी। पार्क में लगे झूलों को रंगरोगन करके चमका दिया। लाइट्स लगा दी गई।
लुधियाना, [राजेश शर्मा]। कर्फ्यू का सदुपयोग देखना हो तो गिल रोड की इंडस्ट्रियल कॉलोनी एक मिसाल है। जिस समय पुलिस व प्रशासन पाबंदी के बावजूद बड़ी संख्या में सड़कों पर निकले युवकों से निपटने के तरह तरह के तरीके अपनाने में लगे हैं। उस समय कॉलोनी के 25 युवकों ने अपनी एनर्जी एरिया के पार्क को संवारने में लगा दी। पार्षदों व नगर निगम की बेरुखी से बर्बाद हुआ पार्क इतना संवर गया कि पूरी कॉलोनी इनके सहयोग के लिए उमड़ आई।
युवकों ने अपनी जेब से 60 हजार रुपए खर्च करके पार्क की कायाकल्प करके रख दी। पार्क में लगे झूलों को रंगरोगन करके चमका दिया। लाइट्स लगा दी गई। उबडख़ाबड़ जगह को समतल कर घास लगा दिया। विभिन्न तरह के पौधे लगाकर क्यारियां संवारी गई। पक्षियों के लिए लकड़ी की हट व उनके पानी के लिए कसोरे रख पार्क का नामकरण किया 'अपना पार्क'।
पार्क की खस्ताहाल इमारत में एक ट्यूबवेल लगा है। इस कमरे को भी युवकों ने रंगरोगन करके निखार दिया। इनकी मेहनत की चर्चा बड़ी तेजी से फैला। देखादेखी कॉलोनी के दूसरे हिस्से में बने पार्क को संवारने की प्रक्रिया भी वहां के लोगों ने शुरू कर दी।
एनर्जी से भरपूर इन युवकों में से एक मनमोहन सिंह बताते हैं कि कर्फ्यू के कुछ दिन बीते तो पांच दोस्तों ने पार्क को संवारने के लिए चर्चा की। काम बड़ा था। इसके लिए कुछ रुपये भी चाहिए थे। हमने कॉलोनी के युवकों का एक वाट्ससएप ग्रुप बना लिया। उस पर सुझाव आने शुरू हुए व काम की रूपरेखा भी तैयार हो गई। कुछ मशीनरी भी चाहिए थी जैसे जमीन को समतल करना, घास लगाना इत्यादि के लिए। दो मित्रों के सहयोग से यह मशीनरी भी अरेंज कर ली। पहले तो लगा कि 25 हजार में ही काम चल जाएगा। आपस में ही रुपये एकत्र कर लिए। पार्क को समतल करना, घास लगाना, क्यारियां संवारनी शुरू की तो पूरा मोहल्ला ही सहयोग के लिए आ पहुंचा। तब न लोग कम पड़े न रकम। नए पौधे लगा दिए। पूरा पार्क तो पेंट किया ही। उसमें लगे झूलों में जो खराबी थी वह हम सबने मिलकर उसे भी ठीक कर लिया। कुछ मित्र पक्षियों के लिए हट बनाकर ले आए तो कुछ ने पार्क में पक्षियों के पानी के लिए कसोरे टांग दिए।
अब तय कर लिया है कि कर्फ्यू के बाद भी निगम या पार्षद का इंतजार नहीं करना है। हम सब मिलकर इसे और संवारेंगे। इसमें दिलजीत सिंह, गुरमुख सिंह, प्रवीण फुटेला, कमल मल्होत्रा, सुखविंदर सिंह, कुलदीप शर्मा, मिक्की मल्होत्रा, बिट्टू छाबड़ा, प्रिंस शर्मा, अरविंदर सिंह, सतवीर सिंह, मंदीप सिंह, मनमोहन सिंह, इंद्रजीत सिंह, नवजोत शर्मा, हरविंदर सिंह, रमन छाबड़ा, रघुबीर सिंह, इंद्रजीत सिंह गुलाटी का विशेष सहयोग रहा।
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