शुगर और गैस की समस्या से निजात दिलाता है कूर्मासन
कूर्मासन संस्कृत शब्द कूर्म से बना है जिसका अर्थ होता है कछुआ।
लुधियाना : कूर्मासन संस्कृत शब्द 'कूर्म' से बना है, जिसका अर्थ होता है कछुआ। इसलिए इस आसन को कछुआ योग भी कहते हैं। योग गुरु संजीव त्यागी ने बताया कि इस आसन के जरिए मनुष्य स्वयं को मानसिक एवं इंद्रीय आसक्तियों से उसी तरह दूर कर लेता है, जैसे कछुआ स्वयं को अपने कवच में बंद कर लेता है। यह आसन शुगर, कब्ज और पेट की गैस की समस्या से निजात दिलाता है। यह आसन मानसिकता को शांति प्रदान करते हुए धैर्य को बढ़ाता है। इस आसन से शरीर में ऊर्जा की मात्रा बढ़ती है। यह कोरोना संक्रमित मरीजों को भी अवश्य करना चाहिए।
कुर्मासन करने की विधि यह है कि जमीन पर योग मेट बिछा लें और दंडासन की स्थिति में बैठ जाएं। अब दोनों पैरों को 60 डिग्री के कोण पर फैला दें। अब दोनों हाथों को सामने की ओर व थोड़ा घुटने को मोड़कर रखें। अब धीरे-धीरे दाएं हाथ को दाएं घुटने के नीचे और बाएं हाथ को बाएं घुटने के नीचे लेकर जाएं। अपनी कमर को सीधा रखते हुए छाती को जमीन पर लगाते हुए हाथों को घुटने की सिध में सीधा कर दें। अब दोनों पैरों को भी सीधा कर दें। ओर थोड़ी को जमीन पर लगाने का प्रयास करें। ओर लंबी गहरी श्वास लेते हुए 30 सेकेंड तक आसन में बने रहें। यह आसन उन लोगों को नहीं करनी चाहिए जिन्हें कमर दर्द की शिकायत हो। उन्होंने लोगों को प्रेरित करते हुए कहा कि वे योग को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं। इससे वह विभिन्न बीमारियों से निजात पा सकते हैं।