World Water Day 2021: लुधियाना में साल भर में होती है 733 एमएम बारिश, बुड्ढा दरिया में गिर रहा गंदा पानी
World Water Day 2021 अगर शहर के जलभराव वाले इलाकों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग (आरडब्ल्यूएच) सिस्टम लगाए जाएं तो शहर में ही हर साल करोड़ों लीटर पानी बच जाएगा और निगम के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट भी खराब नहीं होंगे।
लुधियाना, [राजेश भट्ट]। मानसून आते ही प्रशासन शहर को जलभराव से बचाने की तैयारियों में जुट जाता है। निगम के अफसर शहर के सीवरेज सिस्टम को साफ करवाने में व्यस्त हो जाते हैं। ऐसे करने से वे शहर को जलभराव से बचाने में तो कुछ हद तक कामयाब हो जाते हैं, लेकिन वे करोड़ों लीटर साफ पानी को गंदा कर देते हैं। कारण, बरसात का जो जो पानी जमीन के नीचे जाना चाहिए, अफसर उसे सीवरेज के जरिए गंदा करके बुड्ढा दरिया में गिरा देते हैं।
अगर शहर के जलभराव वाले इलाकों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग (आरडब्ल्यूएच) सिस्टम लगाए जाएं तो शहर में ही हर साल करोड़ों लीटर पानी बच जाएगा और निगम के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट भी खराब नहीं होंगे। विशेषज्ञों की मानें तो लुधियाना में हर साल करीब 733 एमएम बारिश होती है। इतनी बारिश अगर एक वर्ग किलोमीटर एरिया में होती है तो इससे एक साल में कम से कम 18 करोड़ लीटर पानी बचाया जा सकता है।
शहर के इन इलाकों में होता है जलभराव
- ढोलेवाल चौक
- चंडीगढ़ रोड
- शेरपुर चौक
- समराला चौक
- बस्ती जोधेवाल
- जनकपुरी
- माधोपुरी
- किचलू नगर
- चौड़ा बाजार
- मीना बाजार
- मातारानी चौक
- घंटाघर
- रेलवे स्टेशन
- फिरोजपुर रोड
- हंबड़ा रोड
- रानी झांसी रोड
- दोमोरिया पुल
- जालंधर बाईपास
- बीआरएस नगर
- सराभा नगर
- नेशनल हाईवे 44
घंटाघर एरिया को छोड़कर कहीं नहीं है पानी बचाने की व्यवस्था
घंटाघर एरिया को छोड़कर किसी भी क्षेत्र में ऐसी व्यवस्था नहीं है कि बरसात का पानी जमीन के अंदर जाए और भूजल स्तर को सुधारने में मदद करे। इन सभी इलाकों से पानी की निकास का एकमात्र साधन सीवरेज की पाइपें हैं। इन इलाकों में जमा होने वाला बरसात का सारा पानी सीवरेज के जरिए बुड्ढा दरिया तक पहुंच जाता है।
करोड़ों लीटर साफ पानी हो जाता है बर्बाद
वाटर बाडीज को साफ सुथरा रखने के लिए काम कर रहे रिटायर्ड कर्नल जेएस गिल का कहना है कि लुधियाना में हर साल 733 एमएम बारिश होती है। उन्होंने कहा कि अगर एक वर्ग किलोमीटर पर इतनी बारिश होती है तो इससे लगभग 36 करोड़ छह लाख लीटर पानी बरसता है। अगर इस पानी में से आधा पानी भी रिचार्ज वेल के जरिए जमीन में भेजा जाए तो इससे 18 करोड़ लीटर पानी बच सकता है। अगर इसे पूरे शहर के लेवल पर देखें तो अरबों लीटर पानी बच सकता है, लेकिन नगर निगम व अन्य कोई भी एजेंसी इस पर फोकस नहीं कर रही हैं। कर्नल गिल का कहना है कि नगर निगम तो इतनी बड़ी संख्या में साफ पानी को सीवरेज में डालकर गंदा कर रहा है। उन्होंने कहा कि बरसात के पानी को या तो सीधे स्टार्म सीवरेज के जरिए दरिया में जाना चाहिए या फिर रिचार्ज वेल के जरिये जमीन के अंदर भेजा जाना चाहिए।