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World Arthritis Day : युवाओं में भी तेजी से बढ़ रही गठिया की बीमारी, एेसे कर सकते हैं बचाव

World Arthritis Day लुधियाना मेडिवेज अस्पताल के ऑर्थोपेडिक सर्जन डा. सर्वेश माथुर ने कहा कि आम तौर पर प्यूरिन नामक प्रोटीन के मेटाबोलिज्म की वजह से गठिया रोग होता है। खून में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है। व्यक्ति कुछ देर के लिए बैठता या फिर सोता है।

By Vipin KumarEdited By: Published: Tue, 13 Oct 2020 01:04 PM (IST)Updated: Tue, 13 Oct 2020 01:04 PM (IST)
World Arthritis Day : युवाओं में भी तेजी से बढ़ रही गठिया की बीमारी, एेसे कर सकते हैं बचाव
विश्व आर्थराइटिस दिवस के मौके पर जागरूकता लेक्चर का अायाेजन। (फाइल फाेटाे)

लुधियाना, जेएनएन। World Arthritis Day : भले ही हम लोग तेजी से आधुनिकता की ओर बढ़ रहे हों, लेकिन अभी भी कुछ पुरानी बीमारियां हमारा पीछा नहीं छोड़ रही। इनमें से एक बीमारी है गठिया। पहले यह बीमारी बड़ी उम्र में सामने आती थी, लेकिन आजकल युवाओं में भी यह देखी जा रही है। 

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लुधियाना मेडिवेज अस्पताल के ऑर्थोपेडिक सर्जन डा.सर्वेश माथुर । (जेएनएन)

 

में लुधियाना मेडिवेज अस्पताल के ऑर्थोपेडिक सर्जन डा. सर्वेश माथुर ने कहा कि आम तौर पर प्यूरिन नामक प्रोटीन के मेटाबोलिज्म की वजह से गठिया रोग होता है। खून में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है। व्यक्ति कुछ देर के लिए बैठता या फिर सोता है तो यही यूरिक एसिड जोड़ों में इकट्ठा हो जाते हैं, जो अचानक चलने या उठने में तकलीफ देते हैं।

बीमारी की चपेट में अा रहे 25 से 30 साल की उम्र के युवा 

ध्यान न देने पर घुटना या कूल्हा बदलने की नौबत भी आ सकती है। वर्तमान समय में देश की 15 फीसदी आबादी गठिया की चपेट में है और यह संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है। पहले यह केवल बुजुर्गों की बीमारी कही जाती थी, लेकिन आजकल 25 से 30 साल की उम्र के युवा भी रुमेटॉएड आर्थराइटिस की चपेट में आ रहे हैं।

हालांकि सभी जोड़ों के दर्द गठिया नहीं होते। जबकि कैंसर व थायराइड जैसी बीमारियों में भी गठिया हो सकता है। उन्होंने कहा कि जोड़ों व शरीर में अकडऩ को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह गठिया हो सकता है। ऐसा होने पर तुरंत डाक्टर से संपर्क करना चाहिए।

खान-पान की आदतें बदलकर कर सकते हैं बचाव

डेली एक्टिविटीज, खान-पान की आदतें बदलकर और एक्सरसाइज को अपनाकर इस बीमारी पर कंट्रोल पाया जा सकता है। हथेली, उंगलियों, कोहनी, घुटने कूल्हे के जोड़ को चोट लगने से बचाना चाहिए। गलत तरीके से उठने- बैठने और सोने की आदत न डालें। मोटापे से होने वाली डायबिटीज और हाइपरटेंशन भी गठिया का कारण बन सकती है।

कैल्शियम व विटामिन डी युक्त डाइट लेना लाभदायक

स्मोकिंग को छोडकर, कैल्शियम व विटामिन डी युक्त डाइट लेने से गठिया को दूर रखा जा सकता है। बार-बार वायरल और बैक्टिरियल इंफेक्शन होना भी गठिया का कारण बन सकता है।पेस्टिसाइड से बचने के लिए फल व सब्जियों को हमेशा धोकर ही खाना चाहिए। परिवारिक हिस्ट्री के कारण कई केसों में यह बीमारी जन्मजात भी हो सकती है।

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