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महिलाओं को घर छोड़ने के लिए कम पड़ा Women Staff, पीसीआर से चलाया जा रहा काम Ludhiana News

रात के समय महिलाओं को घर छोड़ने का काम पुरुष कर्मियों को दिया गया है। यही कारण है कि अब इस काम के लिए पुलिस लाइन के कंट्रोल रूम में स्पेशल गाड़ी खड़ी की गई है।

By Sat PaulEdited By: Published: Sat, 14 Dec 2019 11:52 AM (IST)Updated: Sun, 15 Dec 2019 09:05 AM (IST)
महिलाओं को घर छोड़ने के लिए कम पड़ा Women Staff, पीसीआर से चलाया जा रहा काम Ludhiana News
महिलाओं को घर छोड़ने के लिए कम पड़ा Women Staff, पीसीआर से चलाया जा रहा काम Ludhiana News

लुधियाना, [दिलबाग दानिश]। रात के समय अकेली महिलाओं को घर छोडऩे की योजना के लिए महिला कर्मियों की कमी आने लगी है। इस योजना के तहत तैनात महिला पुलिस कर्मी रात को एक्टिवा नहीं चलाती हैं। यह काम भी पुरुष कर्मियों को दिया गया है। यही कारण है कि अब इस काम के लिए पुलिस लाइन के कंट्रोल रूम में स्पेशल गाड़ी खड़ी की गई है।

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कमिश्नरेट पुलिस ने एक दिसंबर से शहर में रात के समय अकेली महिला को घर छोड़ने की योजना शुरू की है। तब बताया गया कि रात को महिला कर्मचारी भी ड्यूटी पर तैनात रहेंगी। अगर कोई महिला रात को अकेली हैं और वह कैब या अन्य साधन से अपनी मंजिल तक जाने में असहज महसूस करती हैं तो उन्हें पुलिस के हेल्पलाइन नंबर 78370-18555 या 1091 पर कॉल करनी होगी। पीसीआर की गाड़ी जिसमें महिला कर्मचारी भी होगी, वह उस महिला को उसके घर पर छोड़कर आएगी। अगर पीसीआर वाहन नहीं मिलता है तो पुलिस महिला को थाने में तैनात ड्यूटी अफसर की गाड़ी से घर छोड़ा जाएगा। मगर हालात इसके विपरीत हैं।

ये हैं योजना के संकट में आने के कारण

  1. पुलिस के पास महिला कर्मचारियों की कमी है। पुलिस कंट्रोल रूम में इतनी महिला कर्मी नहीं हैं कि सभी 115 पीसीआर वाहनों पर इन्हें तैनात किया जा सके।
  2.  रात को महिला कर्मचारी ड्यूटी करने से कतराती हैं और कई की नेताओं के कहने पर ड्यूटी काटनी पड़ी है।
  3. सबसे बड़ी समस्या वाहनों में तेल को लेकर भी है। पीसीआर कर्मियों को इतना तेल नहीं मिलता है कि वह इस तरह से शहर में दूर दराज के एरिया में जाकर काम कर सकें।

कंट्रोल रूम में इमरजेंसी गाड़ी, सभी पीसीआर ले रहे काम : सीपी

पुलिस कमिश्नर राकेश अग्रवाल ने कहा कि ऐसा नहीं है कि पुलिस कंट्रोल रूम में खड़ी की गाड़ी इमरजेंसी के लिए है। बाकी सभी पीसीआर इस काम के लिए हमेशा से तैयार हैं। रोजाना रात को दो से तीन महिलाओं की मदद हमारी टवेरा गाडिय़ां कर रही हैं। जिन पीसीआर वाहनों पर महिला कर्मी नहीं हैं, उस पर एएसआइ लेवल का अधिकारी होता है, उस पर विश्वास किया जा सकता है। सीपी ने कहा कि अगर फिर भी कहीं ऐसी समस्या आती है कि महिला को बिना महिला पुलिस कर्मचारी के नहीं जाना होता है तो थाने से महिला कर्मचारी मुहैया करवाई जाती है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मीटिंग में लुधियाना पुलिस की ओर से की गई पहल की सराहना की है।

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