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रजनीबाला का जज्‍बा देती है प्रेरणा, 44 साल की उम्र में बेटे संग दे रही 10वीं की परीक्षा

लुधियाना की एक 44 साल की महिला अपने बेटे के साथ दसवीं कक्षा की परीक्षा दे रही है। रजनीबाला नामक यह महिला अपने जज्‍बे से दूसरों के लिए प्रेरणा बन गई हैं।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Thu, 29 Mar 2018 12:45 PM (IST)Updated: Thu, 29 Mar 2018 09:12 PM (IST)
रजनीबाला का जज्‍बा देती है प्रेरणा, 44 साल की उम्र में बेटे संग दे रही 10वीं की परीक्षा
रजनीबाला का जज्‍बा देती है प्रेरणा, 44 साल की उम्र में बेटे संग दे रही 10वीं की परीक्षा

जेएनएन, लुधियाना। शिक्षा की कोई उम्र नहीं हाेती अौर ज्ञान की कोई सीमा नहीं है। शिक्षा की ललक हो तो व्‍यक्ति किसी भी उम्र में इसे हासिल कर सकता है और इसे चरितार्थ किया है यहां की एक म‍हिला ने। लुधियाना की 44 साल की रजनीबाला अपने बेटे के साथ दसवीं की परीक्षा दे रही है। रजनी का यह जज्‍बा दूसरी महिलाओं को भी प्रेरित करनेवाली है।

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रजनीबाला अपने बेटे के साथ यहां दसवीं की परीक्षा देने आती हैं तो उन्‍हें देखकर वहां मौजूद लोग ताज्‍जुब में रह जाती हैं। मां और बेटा परीक्षा देने साथ आते हैं और साथ ही जाती हैं। रजनीबाला का कहना है कि पति ने आगेकी परीक्षा के लिए प्रेरित किया अौर इसके बाद मैंने इसके लिए कदम बढ़ाया।

रजनीबाला सिविल अस्‍पताल में कार्य करती हैं। वह कहती हैं, मैं सिविल अस्‍पताल में वार्ड अटेंडेंट के पद पर कार्य कर रही हूं। इसी दौरान 10वीं की परीक्षा पूरी करने की जरूरत महसूस हुई। शुरू में तो बेटे के साथ स्‍कूल जाने में अटपटा लगा, लेकिन बाद में सारी हिचक दूर हो गई। अब मैं बेहद खुश हूं।

उनका कहना है, उन्‍हें लगा कि पढ़ाई के लिए कोई उम्र बड़ी नहीं होती। इसी कारण मैंने पहले छूट गई पढ़ाई फिर से शुरू करने का नि‍श्‍चय किया। मैं ड्यूटी से वापस आकर पढ़ाई करती थी। इसमें पूरे परिवार ने साथ दिया। बेटे के भी दसवीं कक्षा में रहने से काफी मदद मिली।


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