वर्करों का डबल रिएक्शन : फेसबुक पर सुखबीर संग सेल्फी, वाट्सएप गु्रप में विरोध
सुखबीर बादल के सामने वर्कर उनके साथ फेसबुक लाइव व सेल्फी खिंचवाने की जद्दोजहद करते रहे, लेकिन जैसे ही वो लुधियाना से निकले तो उनकी खिलाफत शुरू हो गई।
गगनदीप रत्न, लुधियाना
बेअदबी मामले में अपनी सरकार के खिलाफ बयान देने के बाद से सीनियर अकाली नेता अवतार सिंह मक्कड़ से वर्करों ने भी दूरी बनानी शुरू कर दी थी। पर बुधवार अचानक पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर बादल के लुधियाना उनके निवास पर आने से राजनीति के गलियारे में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया। सुखबीर बादल के सामने वर्कर उनके साथ फेसबुक लाइव व सेल्फी खिंचवाने की जद्दोजहद करते रहे, लेकिन जैसे ही वो लुधियाना से निकले तो उनकी खिलाफत शुरू हो गई। वाट्सएप गु्रप्स में उन्हें मौका परस्त और गंदी राजनीति करने की बातों पर चर्चा होती रही। ये बातें कोई और नहीं बल्कि अकाली दल के कार्यकर्ता ही कर रहे थे। जिन्हें कुछ वर्कर समझा रहे थे और कुछ इन सब का तमाशा देख रहे थे। कुल मिलाकर सुखबीर बादल के इस कदम से अकाली दल के वर्करों का मन खंट्टा हुआ और वो कहीं न कहीं पार्टी से बंटते नजर आए। फेसबुक पर जिंदाबाद लिख रहे तो वाट्सएप गु्रप में था घमासान
दोपहर एक बजे से शाम पाच बजे तक यानि करीब चार घटे तक सुखबीर बादल लुधियाना में रहे। जब तक वो यहा थे, तब तक फेसबुक पर लाइव और फोटो का दौर जारी था। कोई अकाली दल जिंदाबाद लिख रहा था तो कोई सुखबीर बादल जिंदाबाद। फेसबुक पर तो सब कुछ ठीक था। पर अकाली दल के कुछ नेताओं द्वारा बनाए एक गु्रप में उनके शहर से जाने के बाद अच्छा-खासा घमासान हुआ। एक शख्स ने गु्रप में एक फोटो डाली जिसमें अवतार सिंह मक्कड़ महेशइंद्र सिंह ग्रेवाल के गले मिल रहे हैं, जबकि सुखबीर बादल साथ कुर्सी पर बैठे हैं। फोटो डालकर उस सज्जन ने नीचे लिखा, च्गंदी राजनीति।' दूसरे सज्जन ने उक्त कमेंट पर तालिया बजाने वाले साइन (चिन्ह) भेज दिए। जब बाकी के लोगों ने ऐसा कहने का कारण पूछा तो फोटो डालने वाले सज्जन बोले, भाजी दुश्मनी ते दोस्ती दा वी इक स्टेंड हुंदा, जेहड़े लोक अकाली दल नूं बुरा कैहंदे ने औहना नूं जफ्फी पाई जा रही ए। सोशल साइट पर डाले फ्लैक्स
सुखबीर बादल के अचानक लुधियाना आने पर वर्करों का अपनी शक्ति प्रदर्शन करने का मौका नहीं मिला। लिहाजा उन्होंने अपनी फोटो सुखबीर बादल के साथ लगाकर उसकी फ्लैक्स बनाकर फेसबुक पर डाल दी ताकि कहीं न कहीं सुखबीर की नजर उन पर पड़ जाए।