मजदूरों की घर वापसी से क्या पड़ेगा प्रभाव के विषय पर चर्चा की
कोविड संकट में मजूदरों की घर वापसी उद्योग और कृषि पर प्रभाव का आंकलन विषय पर वर्चुअल राउंड टेबल कांफ्रेंस हुई।
जासं, लुधियाना : सतीश चंद्र धवन (एससीडी) सरकारी कॉलेज और पंजाब कॉमर्स एंड मैनेजमेंट एसोसिएशन (पीसीएमए) के सहयोग से कोविड संकट में मजूदरों की घर वापसी, उद्योग और कृषि पर प्रभाव का आंकलन विषय पर वर्चुअल राउंड टेबल कांफ्रेंस हुई। इसका उद्घाटन डीसी प्रदीप अग्रवाल ने संबोधन से किया। इसमें हीरो ग्रुप के प्रेम कुमार, वर्धमान ग्रुप के डीएल शमर, चैंबर ऑफ इंडस्ट्रियल एंड कामर्शियल अंडरटेकिग के चेयरमैन उपकार सिंह आहूजा और सचिव पंकज समर, अर्थशास्त्री जेएस बेदी, डॉ. पूर्ण सिंह, पीसीएमए के उप प्रधान डॉ. बीबी सिगला, महासचिव डॉ. विकासदीप ने हिस्सा लिया। इस दौरान डीसी ने मजदूरों के साथ प्रशासकीय अनुभव साझे किए। उन्होंने बताया, अब तक दो लाख मजदूर उत्तर प्रदेश और अन्य जगहों में घर वापसी कर चुके हैं।
पीसीएमए के प्रधान डॉ. अश्विनी भल्ला ने मजदूरों के करवाए सर्वे के परिणाम को विशेषज्ञों के समक्ष प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि 867 पलायन कर चुके श्रमिकों में 88 प्रतिशत उद्योग और 12 फीसद कृषि क्षेत्र से रहे। डॉ. प्रेम कुमार ने कहा कि दूसरे राज्य के लोगों के लिए विश्वास का माहौल बनाने की जरूरत है। डीएल शमर ने वर्धमान ग्रुप की ओर से किए प्रयास का जिक्र किया। जेएस बेदी और डॉ. पूर्ण सिंह ने मजदूरों की घर वापसी का पंजाब के आर्थिक हालात पर पड़ने वाले बुरे प्रभावों का आंकड़ों सहित ब्यौरा दिया। उपकार सिंह आहूजा और पंकज शमर ने इंडस्ट्री को रिबूट, सिस्टम डवल्प करने और स्किल डवल्पमेंट के लिए बजट की सरकार से मांग की। कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. धर्म सिंह संधू और पीसीएम के वाइस प्रधान डॉ. बीबी सिगला ने वर्चुअल राउंड टेबल में हिस्सा लेने वाले सभी लोगों का धन्यवाद किया।