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26 अप्रैल के बाद फिर से सक्रिय होगा वेस्टर्न डिस्टर्बेंस, बारिश व बूंदाबांदी की संभावना

मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि 26 अप्रैल के बाद फिर से वेस्टर्न डिस्टर्बेंस सक्रिय होगा। इसलिए किसान इससे पहले गेहूं की कटाई का काम निपटा दें।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sat, 21 Apr 2018 01:14 PM (IST)Updated: Sat, 21 Apr 2018 08:54 PM (IST)
26 अप्रैल के बाद फिर से सक्रिय होगा वेस्टर्न डिस्टर्बेंस, बारिश व बूंदाबांदी की संभावना
26 अप्रैल के बाद फिर से सक्रिय होगा वेस्टर्न डिस्टर्बेंस, बारिश व बूंदाबांदी की संभावना

लुधियाना [आशा मेहता]। पिछले दस दिन से आसमान में मंडरा रहे बादलों और बारिश ने किसानों की नींद उड़ा रखी थी। किसान फसल खराब होने के डर से सहमे हुए थे, लेकिन अब थोड़ी राहत की खबर है। आगामी एक सप्ताह तक पंजाब में मौसम साफ रहने का पूर्वानुमान है। कुछेक जिलों में हल्की बूंदाबांदी को छोड़कर अन्य सभी जिलों में खुलकर धूप निकलेगी। इस दौरान किसान गेहूं की कटाई का काम आसानी से निपटा सकते हैं।

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राज्य में अभी भी करीब 60 से 65 प्रतिशत रकबे में पककर तैयार खड़ी गेहूं खेतों में है। पंजाब कृषि विश्वविद्यालय की मौसम वैज्ञानिक डॉ. केके गिल के अनुसार शनिवार से मौसम साफ हो जाएगा। 26 अप्रैल तक पंजाब में बारिश की संभावना नहीं है। दिन में धूप निकलने से पारा चढ़ेगा।  26 अप्रैल के बाद फिर से वेस्टर्न डिस्टर्बेंस के सक्रिय होने से बारिश व बूंदाबांदी के आसार बन सकते हैं।

डॉ. गिल ने कहा कि बादलों के आसमान से हटते ही किसान खेतों में पककर तैयार खड़ी गेहूं की कटाई कर लें। कटाई के बाद किसान गेहूं को ज्यादा देर तक खेतों में रखने से परहेज करें। जितना जल्दी हो सके,उसे साफ कर मंडियों में ले जाएं या सुरक्षित जगह पर रखें, ताकि अप्रैल के आखिरी सप्ताह में दोबारा से बारिश की संभावना पैदा हो तो ज्यादा नुकसान न हो।

पंजाब में खुले आसमान तले पड़ा है 33 लाख टन गेहूं

उधर,कटाई के बाद मंडियों में पहुंची गेहूं की लिफ्टिंग का काम काफी सुस्त चल रहा है, नतीजतन मंडियों में गेहूं के अंबार लगे हुए हैं। सूबे की मंडियों में 33 लाख टन से अधिक गेहूं खुले आसमान के नीचे पड़ा है। पंजाब मंडी बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार सूबे की मंडियों में 19 अप्रैल तक कुल 49,38,839 टन गेहूं की आमद हुई। इसमें से 44,63,769 टन गेहूं की खरीद की गई, जबकि 4,75,070 टन गेहूं अभी बिका नहीं था। 33,02,528 टन गेहूं की लिफ्टिंग नहीं हो पाई है।

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