Weather Forecast Punjab: किसानों के लिए चिंता की खबर, फिर से लौटेंगे बादल; तेज हवाओं के साथ बारिश के आसार
Weather Forecast Punjab दो नवंबर से सूबे में फिर से बादल लौट रहे हैं। बादलों के साथ साथ तेज हवाएं भी दस्तक देंगी। वहीं कुछ जगहों पर हल्की बारिश या बूंदाबांदी भी हो सकती है। जबकि कई जगहों पर गरज के साथ छींटे पड़ सकते हैं।
जागरण संवाददाता, लुधियाना। Weather Forecast Punjab: पंजाब में पिछले हफ्ते दो दिनों तक तक हवाओं के साथ बारिश और ओलावृष्टि से धान सहित कई फसलों को काफी नुकसान पहुंचाया। पिछले 5-6 दिनों से धूप निकलने पर किसान अभी इस नुकसान से उबरने की कोशिश कर रहे है। लेकिन, इसी बीच किसानों के लिए एक और बुरी खबर है। पंजाब में मौसम फिर से बदलने जा रहा है। इंडिया मेट्रोलाजिकल डिपार्टमेंट चंडीगढ़ के पूर्वानुमान की मानें तो नवंबर में मौसम फिर बदलने जा रहा है।
पूर्वानुमान के अनुसार दो नवंबर से सूबे में फिर से बादल लौट रहे हैं। बादलों के साथ साथ तेज हवाएं भी दस्तक देंगी। वहीं कुछ जगहों पर हल्की बारिश या बूंदाबांदी भी हो सकती है। जबकि कई जगहों पर गरज के साथ छींटे पड़ सकते हैं। नीम पहाड़ी इलाकों में तेज बारिश हो सकती है।अगर बादल आते हैं और बारिश होती है, तो पंजाब में ठंड बढ़ जाएगी। दिन का पारा काफी नीचे आ जाएगा।
वहीं दूसरी तरफ कृषि माहिरों का कहना है कि बारिश से किसानों का बड़ा नुकसान होगा। धान के साथ साथ गेहूं की बिजाई भी प्रभावित होगी। कृषि माहिर डा. सुखपाल कहते हैं कि इस समय धान की कटाई चल रही हैं। बीते दिनों हुई बारिश की धान की कटाई दस दिन पहले से लेट हो चुकी है। आगे अक्टूबर तक धान काट लिया जाता है, लेकिन इस बार बारिश की वजह से कटाई नवंबर तक होगी।
पकी फसल के भीगने का खतरा
पंजाब में अभी केवल अगेती धान की कटाई हुई है। अभी भी करीब 60 प्रतिशत से अधिक धान कटाई के लिए खेतों में है। ऐसे में नवंबर में बारिश हुई तो पकी हुई फसल के भीगने से कटाई और लेट हो जाएगी। मंडियों में खुले आसमान के तले पड़ा धान की खराब होगा। वहीं जिन जिलों में धान की कटाई हो चुकी है, वहां गेहूं की बिजाई की तैयारी चल रही है। अगर बारिश होती है तो गेहूं की बिजाई लेट होगी। अक्टूबर के अंतिम सप्ताह से 10 नवरम्बर तक गेंहू का बिजाई का टाइम है।
उत्पादन हाे सकता है प्रभावित
इस दौरान जो गेहूं की बिजाई जाती है, वह झाड़ अधिक देती है। लेकिन अगर बारिश होने पर किसान बिजाई लेट करते हैं तो इससे गेहूं की मैंच्योरिटी के दिन कम कम हो जाएंगे। इसके साथ ही बारिश की वजह उसकी जर्मीनेशन सही नहीं होगी यानी की बीज से पौधा सही अंकुरित नहीं होगा, जिससे उत्पादन प्रभावित होगा। ऐसे में भगवान से यही पराथना है कि नवंबर के दूसरे सप्ताह तक बारिश न हो।