गिल चौक फ्लाइओवर, सात दिन और करना होगा इंतजार
गिल चौक फ्लाइओवर की मरम्मत के कारण लग रहे लंबे जाम का दर्द अभी शहर के लोगों को एक सप्ताह और झेलना होगा।
जागरण संवाददाता, लुधियाना : गिल चौक फ्लाइओवर की मरम्मत के कारण लग रहे लंबे जाम का दर्द अभी शहर के लोगों को एक सप्ताह और झेलना होगा। जिला प्रशासन द्वारा गिर चुकी स्लैबों के साथ-साथ पुल की मरम्मत के लिए किए गए कांट्रैक्टर कंपनी इसका काम जारी रखे हुए है।
कंपनी के इंजीनियर खुद मानते हैं कि एक सप्ताह से पहले इस पुल को चालू नहीं किया जा सकता। गिर चुकी स्लैब को वहां फिक्स करने के अलावा फिर से यह न खिसक सके इसके लिए 135 लॉक लगाए जाने हैं। यानि कि सीधा सा मतलब है कि शहर की लाइफलाइन माने जाते इस रास्ते पर सुबह शाम लगने वाली वाहनों की लंबी कतार से अभी एक सप्ताह तक छुटकारा होने वाला नहीं है।
पुल की स्लैब गिरने की वजह जानने के लिए डिप्टी कमिश्नर प्रदीप अग्रवाल ने एडीसी विकास शेना अग्रवाल की अध्यक्षता में चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया था। नगर निगम के एक्सईएन राहुल गगनेजा, बीएंडआर एक्सईएन राकेश गर्ग व ग्लाडा एक्सईएन रणबीर सिंह की भागीदारी वाली इस कमेटी को 15 दिन में रिपोर्ट तैयार करनी थी कि किस वजह से पुल की स्लैब गिरी। लेकिन 23 दिन बीतने के बाद भी रिपोर्ट तैयार नहीं हुई है। एडीसी का कहना है कि इसमें अभी दो तीन दिन और लगेंगे। चूहों की वजह से गिरी स्लैब का शिवसेना ने उड़ाया था मजाक
13 मई रात को स्लैब गिरने के साथ ही नगर निगम ने यह प्रचार कर दिया कि पुल के नीचे लगे कूडे के ढेर में रहने वाले चूंहों ने पुल को खोखला कर दिया जिसकी वजह से यह स्लैब गिर गई। शिवसेना सहित कई संस्थाएं इसका मजाक उड़ाते हुए नगर निगम कमिश्नर कार्यालय में चूहे लेकर पहुंच गए। डिप्टी कमिश्नर कार्यालय के सामने प्रदर्शन का दौर भी खूब चला था। ट्रैफिक जाम से लोग परेशान
गिल चौक फ्लाइओवर की स्लैब गिरने से पुल को बंद कर दिया गया था। इसके चलते लिंक रोड, गिल रोड, ढोलेवाल आदि क्षेत्रों में ट्रैफिक का लंबा जाम लग रहा है। अव्यवस्था के चलते शहरवासियों ने इस इलाके का रुख करना ही छोड़ दिया है। जिनको मजबूरीवश यहां से गुजरना ही है उनको घंटों इस जाम में बिताने पड़ रहे हैं। जांच रिपोर्ट में अभी दो तीन दिन और लगेंगे : एडीसी
रिपोर्ट अभी तैयार नहीं हुई है। अभी इसमें दो तीन दिन और लगेंगे। रिपोर्ट फाइनल होने पर ही इस बाबत कुछ कहा जा सकता है।
शेना अग्रवाल एडीसी विकास।