सदाचारी व्यक्ति कभी अपनी मृत्यु से नहीं डरता: साध्वी रत्न संचिता
तपचंन्दिका श्रमणी गौरव गुरुणी मैय्यां महासाध्वी वीणा महाराज ठाणा-5 के सानिध्य में सिविल लाइंस जैन स्थानक में चातूुर्मास सभा हेतु सुखसाता विराजमान है।
संस, लुधियाना : तपचंन्दिका श्रमणी गौरव गुरुणी मैय्यां महासाध्वी वीणा महाराज ठाणा-5 के सानिध्य में सिविल लाइंस जैन स्थानक में चातूुर्मास सभा हेतु सुखसाता विराजमान है। इस दौरान चल रही चातुर्मास सभा में महासाध्वी वीणा महाराज ने कहा कि सदाचार का अर्थ होता है कि अपनी पत्नी के सिवा पूरी स्त्री जाति को माता व बहन के तुल्य देखना। चारों गतियों में सिर्फ मानव ही शील का पालन कर सकता है। यही कारण है कि मनुष्य ही मुक्ति में जा सकता है। अरे सदाचारी व्यक्ति का जीवन ही अपने आप चमत्कार होता है। जैन धर्म में द्रोपदी को, सीता ने अग्नि परीक्षा में अग्निकुंड को भी शीतल जल कुंड बना दिया था। सदाचारी व्यक्ति कभी अपनी मृत्यु से नहीं डरता। उन्होंने फरमाया कि दुनिया में एक ही जगह है, जहां आदमी अपनी मर्जी से नहीं जाता। वह है मर घट। मर घट कोई भी आदमी अपनी मर्जी से नहीं जाता। जब मुर्दे को भी बांध बूंध कर ले जाना पड़ता है। तो फिर जिदा आदमी के जाने का तो सवाल ही नहीं उठता। तुम्हारा घर भी मरघट है। क्योंकि इसमें हर पल तुम्हारे प्राण घट रहे है। दर असल पूरी दुनिया एक महाशमशान है। तुम्हें पता है जिस जगह तुम बैठे हो। उसके नीचे कम से कम छह मुर्दे दफन है। अरे जिसके पास धन है, उसको लोग सम्मान करते है पर जिसके पास चारित्र है, उसको लोग भरोसा करते है। उन्होंने कहा कि कभी भी किसी के सामने अपने गुप्त रहस्यों को प्रकट मत करें। क्योंकि दर्द हमेशा अपने ही देते है वर्ना गैरों को क्या पता आपको तकलीफ किस बात से होती है। अरे दुनिया बहुत मतलबी है साथ कोई क्यों देगा? मुफ्त का यहां कफन भी नहीं मिलता। तो बिना गम के प्यार कौन देगा।
इस अवसर पर चातुर्मास कमेटी चेयरमैन जितेंद्र जैन व अध्यक्ष अरिदमन जैन, सीनियर उपाध्यक्ष सुभाष जैन् महावीर, महामंत्री प्रमोद जैन, कोषाध्यक्ष रजनीश जैन गोल्ड स्टार, मोती लाल जैन, विनोद जैन गोयम, संजय जैन, वैभव जैन्, अजय जैन, फूलचंद जैन, सुशील कौड़ा व समस्त कार्यकारिणी सदस्यगण शामिल थे।