जिस थाने में बेटा नामजद उसी में पुलिस और विधायक ने किया सम्मानित, कोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब
शहर के अमरपुरा में दो साल पहले हुआ रिकल हत्याकांड एक बार फिर सुर्खियों में है।
दिलबाग दानिश, लुधियाना
शहर के अमरपुरा में दो साल पहले हुआ रिकल हत्याकांड एक बार फिर सुर्खियों में है। केस में चल रही सुनवाई के दौरान मृतक रिकल के भाई ने पुलिस और सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उसने मामले में नामजद और जेल में बंद आरोपित के पिता को थाना डिवीजन नंबर दो में पुलिस अधिकारियों द्वारा सम्मानित करने और विधायक के साथ जेल में जाने के आरोप लगाए गए हैं। उसका कहना है कि जिसे थाने में उसके भाई की हत्या के आरोपित पर केस दर्ज किया गया है, वहीं की पुलिस उसके पिता को सम्मानित कर रही है। इससे उनके केस पर असर पड़ेगा। इस पर अदालत ने सरकार से जवाब मांगा था। शुक्रवार को जेल विभाग और पुलिस ने अपना जवाब दे दिया है। अदालत ने इस पर अपना फैसला सुरक्षित रखा है।
दरअसल 2018 में हुई जगदीप सिंह उर्फ रिकल की हत्या के मामले में पुलिस ने अमरपुरा के ही जतिदरपाल सिंह उर्फ सन्नी, उसके पिता कांग्रेस पार्षद गुरदीप सिंह नीटू समेत अन्य लोगों को नामजद किया था। पुलिस ने पार्षद गुरदीप नीटू को बाद में जांच में बेकसूर बताया था। यह केस अभी अदालत में विचाराधीन है। जतिदरपाल उर्फ सन्नी ने हाई कोर्ट में जमानत याचिका लगाई थी। इसके विरोध में पीड़ित पक्ष ने जवाब देते हुए कहा था कि इससे उनकी जान को खतरा हो सकता है। क्योंकि जिस थाना डिवीजन दो में यह केस चल रहा है वहां पर जतिदरपाल उर्फ सन्नी के पिता को सम्मानित किया गया है। यही नहीं अप्रैल 2019 में लॉकडाउन के दौरान केंद्रीय जेल लुधियाना को सैनिटाइज करने के लिए गुरदीप नीटू विधायक के साथ गए थे। जगदीप रिकल के भाई गगन खेड़ा का कहना है कि विरोधी पक्ष प्रबंधन पर दबाव बना रहा है और यह उनके केस के लिए खतरनाक है। इस पर कोर्ट ने 30 जुलाई को सुनवाई के दौरान सरकार को स्थिति स्पष्ट करने को कहा था। घर में घुसकर हुई थी रिकल की हत्या
20 जुलाई 2018 को अमरपुरा बस्ती के निवासी जगदीप सिंह रिकल नामक युवक को कुछ लोगों ने घर में घुसकर बुरी तरह पीट दिया था। इसके बाद उसकी सीएमसी में मौत हो गई थी। पुलिस ने जांच शुरू की तो मामले में पार्षद गुरदीप नीटू के बेटे जतिदरपाल सिंह सन्नी समेत जालंधर के कुछ गैंगस्टरों को गिरफ्तार किया था। तभी से जतिदरपाल केंद्रीय जेल में है। राजनीतिक पहुंच के कारण दब सकता है केस
जगदीप उर्फ रिकल के भाई गगन खेड़ा के अनुसार विरोधी पक्ष राजनीतिक पहुंच रखता है। इसी के चलते यह केस दबाने के प्रयास हो रहे हैं। उसकी और उसकी मां की जान को खतरा है। उसे निरंतर धमकियां मिल रही हैं। उसने सुबूत के साथ अदालत में इसका विरोध किया है। अदालत में जवाब आने के बाद इस पर फैसला सुरक्षित रखा गया है। सम्मानित करने जैसा कुछ नहीं, मैंने कौन सा जांच की है, इंसपेक्टर चोपड़ा
इंसपेक्टर सुरिदर चोपड़ा से जब इस संबंधी बात की तो उन्होंने कहा कि जब मैं थाना डिवीजन नंबर दो का प्रभारी था तब धार्मिक आयोजन हुआ था। उसमें बहुत से लोग आए थे, उन्होंने किसी को विशेष तौर पर सम्मानित नहीं किया था। वह रिकल हत्या मामले में जांच अधिकारी नहीं रहे हैं। उनसे जवाब मांगा गया था और वह दे दिया है। जेल को बाहर से सैनिटाइज कर लौट गए थे विधायक और नेता: आइजी
आइजी रूप चंद ने अदालत को बताया है कि गगन खेड़ा की दी शिकायत की जांच हुई थी। इसमें पाया था कि विधायक संजय तलवाड़ ने फोन कर जेल को सैनिटाइज करने की बात कही थी और उन्हें इसकी इजाजत दी गई थी। उनके साथ ही कुछ लोग आए थे, किसी को भी जेल में जाने की इजाजत नहीं दी थी और किसी को भी कोई विशेष मुलाकात नहीं करवाई गई है। वे बाहर से ही सैनिटाइज करके लौट गए थे। आरोप झूठे, मैंने किसी पर दबाव नहीं डाला: पार्षद
इसी तरह पार्षद गुरदीप नीटू ने कहा कि हत्या का मामला अदालत में विचाराधीन है। लोगों ने उन्हें चुनकर पार्षद बनाया है और उन्होंने कभी किसी अधिकारी पर दबाव नहीं बनाया है। उन पर जो आरोप लग रहे हैं, इस पर वह कोई टिप्पणी नहीं करेंगे। अदालत में जवाब प्रशासन ने देना है।