सब्जियों के दाम पर पड़ा बाढ़ का असर, रेट बढ़ने से बिगड़ा रसोई का बजट Ludhiana News
सब्जियों की दुकान पर ग्राहक पहले रेट पूछ रहा है फिर बजट के मुताबिक सब्जी खरीद रहा है। बाढ़ के पानी से खेतों में लगी सब्जियां बर्बाद हो गई हैं।
लुधियाना, जेएनएन। बाढ़ का असर सब्जी मंडी में भी दिखने लगा है। मंडियों में सब्जियों की आमद कम होने से किचन का बजट गड़बड़ा गया है। इन दिनों अन्य राज्यों से सब्जियां कम आ रही हैं, जिस कारण उनका रेट अधिक हो गया है या फिर सब्जियों की आवक के मुताबिक ही रेट निर्धारित किया जा रहा है। कुछ सब्जियां ऐसी हैं, जिन्हें लोगों को खरीदना ही पड़ रहा है। प्याज 40 रुपये किलो बिक रहा है।
सब्जियों की दुकान पर ग्राहक पहले रेट पूछ रहा है फिर बजट के मुताबिक सब्जी खरीद रहा है। बाढ़ के पानी से खेतों में लगी सब्जियां बर्बाद हो गई हैं। किसानों का कहना है कि उनकी मेहनत पर पानी फिर गया है। मुनाफा कमाने के लिए सब्जियों की खेती की। पहले बारिश और अब बाढ़ के कारण खेतों में पानी जमा है, जिससे फसलें बर्बाद हो गई हैं। किसान अवतार सिंह, पवित्तर सिंह ने कहा कि जिन खेतों में सब्जियां लगी हैं, वहां पानी भरा जमा है।
क्या कहते हैं आढ़ती
आढ़ती संजीव कुमार, विनोद मदान, अमरीक सिंह ने कहा कि किसानों से जिस रेट में सब्जी मिलती है, उसमें कुछ मुनाफा लेकर बेच देते हैं, जिस तरह आम आदमी डेली सब्जी खरीदते हैं उसी तरह आढ़ती भी रोजाना खरीद कर बेचते हैं।
सब्जी बाढ़ से पहले बाद में
आलू 15 25 रुपये प्रति किलो
प्याज 20 35 रुपये प्रति किलो
टमाटर 30 60 रुपये प्रति किलो
फूल गोभी 30 70 रुपये प्रति किलो
बंद गोभी 40 60 रुपये प्रति किलो
बेंगन 20 40 रुपये प्रति किलो
मूली 30 40 रुपये प्रति किलो
तोरी 30 40 रुपये प्रति किलो
खीरा 30 60 रुपये प्रति किलो
शिमला मिर्च 30 60 रुपये प्रति किलो
फलियां 30 40 रुपये प्रति किलो
जिमिकंद 30 50 रुपये प्रति किलो
कटहल 40 60 रुपये प्रति किलो
अरबी 30 40 रुपये प्रति किलो
करेला 40 60 रुपये प्रति किलो
परवल 40 60 रुपये प्रति किलो
भिंडी 40 50 रुपये प्रति किलो
नोट: सब्जियों का रेट प्रति किलो के मुताबिक है।