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Union Budget 2021-22: पंजाब के MSME सेक्टर काे किया जाए बूस्ट, नए निवेश पर पांच साल तक मिले टैक्स छूट

Union Budget 2021-22 काेराेना संकट के बाद बजट से उद्याेग जगत काे बड़ी उम्मीदें हैं। एमएसएमई सेक्टर का बजट सिर्फ सात हजार करोड़ का ही है। इस बजट में उद्योग को बूस्ट नहीं किया जा सकता। ऐसे में बजट को बढ़ाकर सत्तर हजार करोड़ करने की व्यवस्था की जाए।

By Vipin KumarEdited By: Published: Mon, 01 Feb 2021 08:38 AM (IST)Updated: Mon, 01 Feb 2021 08:38 AM (IST)
Union Budget 2021-22: पंजाब के MSME सेक्टर काे किया जाए बूस्ट, नए निवेश पर पांच साल तक मिले टैक्स छूट
एमएसएमई सेक्टर का बजट सिर्फ सात हजार करोड़ का ही है। (फाइल फाेटाे)

लुधियाना, जेएनएन। Union Budget 2021-22: पंजाब के उद्याेगपतियाें काे आम बजट से काफी उम्मीदें हैं। खासकर एमएसएमई सेक्टर काेराेना संकट के बाद आर्थिक मार झेल रहा है। फेडरेशन आफ एसोसिएशन्स आफ स्माल इंडस्ट्रीज आफ इंडिया के चेयरमैन एवं आल इंडस्ट्रीज एंड ट्रेड फोरम के प्रधान बदीश जिंदल के अनुसार सरकार ने सरकारी खरीद में बीस फीसद हिस्सेदारी एमएसएमई से लेने का प्रावधान है, लेकिन इस पर अमल नहीं हो रहा है। बजट में इसे सुनिश्चित करना अनिवार्य है।

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एमएसएमई सेक्टर का बजट सिर्फ सात हजार करोड़ का ही है। इस बजट में उद्योग को बूस्ट नहीं किया जा सकता। ऐसे में बजट को बढ़ाकर सत्तर हजार करोड़ करने की व्यवस्था की जाए। इसके अलावा इंडस्ट्री को बूस्ट करने के लिए बजट में कम से कम एक साल के लिए ब्याज पर पांच फीसद की सब्सिडी दी जाए।

सस्ते गारमेंट घरेलू उद्योग को पेश कर रहे चुनौती

निटवियर अपैरल मैन्यूफैक्चरर्स एसोसिएशन आफ लुधियाना के प्रधान सुदर्शन जैन का कहना है कि बांग्लादेश, नेपाल एवं चीन से आयात हो रहे सस्ते गारमेंट घरेलू उद्योग को चुनौती पेश कर रहे हैं। बजट में इस पर अंकुश लगाने के उपाय करने की जरूरत है।

इसके अलावा मशीनरी आयात पर कस्टम ड्यूटी खत्म की जाए, ताकि इंडस्ट्री को हाई टेक बनाया जा सके। साथ ही, होजरी में जीएसटी की दर को एक समान किया जाए। आयकर में कारपोरेट सेक्टर की तर्ज पर पार्टनरशिप फर्मों के लिए भी टैक्स की दर बीस फीसद की जाए। इंडस्ट्री में नए निवेश पर पांच साल तक करों में राहत दी जाए।

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ई-साइकिल एवं रिक्शा की बढ़ रही मांग

प्रदूषण कम करने के लिए ई-साइकिल एवं रिक्शा की मांग बढ़ रही है। बजट में ई-रिक्शा को प्रमोट करने के लिए सस्ते ब्याज की सुविधा सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि देश में स्टील से बन रहे साइकिल एवं पुर्जों के आयात पर अंकुश लगाया जाए। इन उत्पादों को प्रतिबंधित सूची में डालने का इंतजाम किया जाए। 

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