UCPMA ने कर्फ्यू के प्रभावों को लेकर उद्यमियों के साथ की चर्चा, सरकार को भेजेंगे सुझाव
यूसीपीएमए के प्रधान डीएस चावला की ओर से वीडियो कांंफ्रेंसिग के जरिये शहर के प्रमुख औद्योगिक संगठनों के प्रमुखों से चर्चा कर सरकार को भेजने के लिए एक ज्ञापन तैयार किया गया है।
लुधियाना, जेएनएन। कर्फ्यू के दौरान और इसके बाद इंडस्ट्री पर पड़ने वाले इफेक्टस को लेकर मंथन का दौर शुरू हो गया है। लुधियाना की इंडस्ट्री इस मुश्किल दौर में सरकार के समक्ष अपना पक्ष रखने को लेकर बारिकियों पर काम कर रही है। इसको लेकर यूनाइडेट साइकिल एंड पार्ट्स मैन्यूफेक्चरर एसोसिएशन (यूसीपीएमए) के प्रधान डीएस चावला की ओर से वीडियो कांंफ्रेंसिग के जरिये शहर के प्रमुख औद्योगिक संगठनों के प्रमुखों से चर्चा कर सरकार को भेजने के लिए एक ज्ञापन तैयार किया गया है।
यह ज्ञापन केंद्र और पंजाब सरकार को भेजकर इंडस्ट्री के मौजूदा हालात और भविष्य के लिए की जाने वाली तैैयारी पर केंद्रित है। वीडियो कांफ्रेंसिंग में डीएस चावला, ओंकार सिंह पाहवा, केके सेठ, चरणजीत सिंह विश्वकर्मा, जगबीर सिंह सोखी, गुरमीत सिंह कुलार, उपकार सिंह आहुजा व बदीश जिंदल सहित प्रमुख उद्यमी शामिल हुए।
इस दौरान पावर कॉरपोरशन को एक साल के लिए फिक्सड चार्जेज बंद करने, पांच रुपये बिजली दिए जाने, जितनी बिजली इस्तेमाल हो उतना ही बिल लेने, लेबर को लेबर वैल्फेयर फंड, मनरेगा, पीएफ फंड से पेमेंट किए जाने की मांग की जाएगी। इसके साथ ही इंडस्ट्री का डाटा बैंक बनाकर इंडस्ट्री को कोरोना के दौरान और इसके बाद होने वाले घाट के बारे में बताया जाएगा।
इस दौरान बैंकों पर भी विस्तार से चर्चा की गई। बैंकों ने किश्त तो स्थगित कर दी है, लेकिन छह महीने के लिए ब्याज माफ किए जाए। इसके साथ ही इंडस्ट्री को वर्किंग कैपिटल ब्याज मुक्त देने, केसों की हेयरिंग 180 दिन स्थगित किए जाने, एनपीए की लिमिट 90 से 180 दिन करने आदि मांगों पर विचार-विमर्श किया गया।
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