इन गांवों के किसानों की सरकार को सीधी चुनौती, 20 एकड़ की पराली जलाई
जगराओं ब्लॉक के अधीन पड़ते गावों में धान की कटाई के बाद लगभग दो सौ किसानों ने मिलकर 20 एकड़ की पराली को आग की भेंट कर दिया।
जागरण संवाददाता, जगराओं: जगराओं ब्लॉक के अधीन पड़ते गावों में धान की कटाई के बाद लगभग दो सौ किसानों ने मिलकर 20 एकड़ की पराली को आग की भेंट कर दिया। इस दौरान सरकार व कृषि विभाग के आदेशों की सरेआम धज्जियां उड़ाई गई।
इससे पहले गाव डल्ला के किसानों ने शिरोमणि अकाली दल विंग के प्रधान बूटा सिंह चक्र की अगुवाई में एक प्रस्ताव भी पास किया गया कि पराली को जलाए जाने के अलावा इसका कोई दूसरा समाधान नहीं है।
उधर, मानूके गांव में भी साधु सिंह की अगुवार्इं में गुरुद्वारा सिंह में पराली जलाओ, अगली फसल बीजो का प्रस्ताव पास कर पराली जलाने का फैसला किया गया। इसके बाद गाव के किसानों ने मिलकर खेतों में जाकर पराली को आग लगानी शुरू कर दी। इस मौके पर बलदेव सिंह संधू, चमकौर सिंह संधू, अमरजीत सिंह, साधु सिंह, अमरीक सिंह, अमरजीत सिंह, जसवंत सिंह, दिलबाग सिंह, बलजीत सिंह, बूटा सिंह चक्र, बूटा सिंह, बलबीर सिंह संधू, जोगिंदर सिंह, लक्ष्मण सिंह, राम सिंह, जरनैल सिंह रवाल ने मिलकर खेतों में पराली को आग लगाई। इस उन्होंने कहा कि पंजाब और केंद्र सरकार किसानों को प्रदूषण का बहाना देकर पराली को जलाने से रोक रही है और पराली जलाने पर सख्त कार्रवाई की बात कही जा रही है।
उन्होंने कहा कि सूबे के किसानो को पराली न जलाने के आदेश तो दिए जा रहे हैं, लेकिन सरकार पराली के लिए पुख्ता प्रबंध भी नहीं कर रही है। किसानों ने माग की थी कि हमें सरकार पराली पर बोनस दें, लेकिन सरकार बोनस देने में कोई फैसला नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि हम जानते हैं कि पराली से पया्रवरण प्रदूषित होता है। लेकिन हमारी भी मजबूरी है। धान की पराली लगभग आठ प्रतिशत प्रदूषण पैदा करती है। जबकि मंडी गोबिंदगढ़ की फैक्टरिया 55 प्रतिशत प्रदूषण पैदा करती हैं। सरकार फैक्टरियों के खिलाफ कोई कारवाई नहीं करती है। क्योंकि फैक्टरी मालिक सरकार को करोड़ों रुपये की रिश्वत भेंट करते हैं। उन्होंने कहा कि पराली जलाने पर अगर सरकार का कर्मचारी किसानों पर कोई करेगा, तो यूनियन की ओर से कड़ा विरोध किया जाएगा।