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चहेतों को प्लाट दिलाने की प्लानिग पर ईओ ने फेर दिया था पानी, करवा दिया था ट्रांसफर

इंप्रवूमेंट ट्रस्ट के कथित जमीन घोटाले को लेकर आए दिन नई परतें खुल रही हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 17 Sep 2021 06:30 AM (IST)Updated: Fri, 17 Sep 2021 06:30 AM (IST)
चहेतों को प्लाट दिलाने की प्लानिग पर ईओ ने फेर दिया था पानी, करवा दिया था ट्रांसफर
चहेतों को प्लाट दिलाने की प्लानिग पर ईओ ने फेर दिया था पानी, करवा दिया था ट्रांसफर

जागरण संवाददाता, लुधियाना : इंप्रवूमेंट ट्रस्ट के कथित जमीन घोटाले को लेकर आए दिन नई परतें खुल रही हैं। दुगरी में 3.79 एकड़ जमीन को कम दाम में बेचने की बात सामने आने के बाद इंप्रवूमेंट ट्रस्ट में इससे पहले बेची गई संपत्तियों के सौदों में भी गड़बड़ी के आरोप लगने लगे हैं। भाजपा और शिअद ने तो पहले भी इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के चेयरमैन व स्थानीय मंत्री के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। आरोप हैं कि इंप्रूवमेंट ट्रस्ट की अरबों रुपये की जमीन को अधिकारियों की मिलीभगत से औने पौने दाम पर चहेतों को देने का खेल चल रहा है। इंप्रूवमेंट ट्रस्ट को करोड़ों रुपये का चूना लगाया जा रहा है। इस मिलीभगत के इस खेल में जो अधिकारी फिट नहीं होता है उसे बीच से निकालकर मैदान साफ कर लिया जाता है।

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बीआरएस नगर में पार्क की जगह का चेंज आफ लैंड यूजू (सीएलयू) कर 39 प्लाट बनाकर बेचने की योजना बनाई गई। तत्कालीन ईओ ने इस योजना को सहमति नहीं दी और यह सिरे नहीं चढ़ पाई। ईओ भविष्य में किसी प्लान पर पानी न फेर दे इसलिए उसका लुधियाना से ट्रांसफर करवा दिया गया। ऐसे में सवाल तो उठेंगे..

इंप्रूवमेंट ट्रस्ट की कार्यप्रणाली पर एक बड़ा सवाल यह भी खड़ा होता है कि ट्रस्ट की ओर से बेचे गए अधिकतर प्लाट घूम फिरकर एक ही सिडीकेट के लोग या उसने संबंधित कंपनियां खरीद रही हैं। ट्रस्ट की ई नीलामी और ड्रा प्रणाली पर भी संदेह है।

1. इंप्रूवमेंट ट्रस्ट ने दो साल पहले ऋषि नगर में झुग्गियां हटाकर दो एकड़ जमीन को खाली करवाया था। यह जगह टाउन प्लानिंग स्कीम के तहत बहुमंजिला फ्लैट्स के लिए रिजर्व रखी गई थी। जमीन खाली करवाने के बाद ट्रस्ट ने चेंज आफ लैंड यूज 500-500 गज के 18 रिहायशी प्लाटों में बदल दिया। आशंका है कि मिलीभगत से इन प्लाटों को भी कम दाम में चहेतों को बेचने की तैयारी है।

2. ट्रस्ट ने ड्रा प्रक्रिया में 104, 105 व 106 नंबर तीन प्लाट बेचे हैं। इस पर सवाल खड़ा होता है कि ड्रा प्रक्रिया में एक ही क्रम के प्लाट कैसे निकल गए।

3. ट्रस्ट ने एक धार्मिक संस्था को प्लाट बेचा। नीलामी में संस्था के ही 12 सदस्यों को शामिल करवाया और कीमत में मामूली बढ़ोतरी कर प्लाट दे दिया गया। विरोधियों का आरोप है कि मंत्री ने चुनाव से पहले संस्था के साथ वादा किया था जिसकी वजह से यह प्लाट संस्था को मिलीभगत से दिया गया।

4. एसबीएस नगर में पार्क की जमीन का सीएलयू कर उसे भी प्लाट बनाकर बेचा गया और लोगों ने इसका विरोध किया। मामला अदालत में होने के बावजूद नीलामी की गई।

5. बीआरएस नगर, माडल टाउन एक्सटेंशन व शहीद भगत सिंह नगर के शाप कम फ्लैट की हाल ही में ई नीलामी की गई। उन सभी को एक ही सिडीकेट और उससे संबंधित कंपनियों ने खरीदा है। सभी व्यवसायिक संपत्ति एक ही सिडीकेट से जुड़े लोगों को कैसे मिल रही है।

6. रानी झांसी रोड पर बने शापिग कांप्लेक्स को भी औने पौने दाम पर बेचने की तैयारी चल रही है।

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24 पेज की शिकायत पीएम व सीबीआइ को भेज चुका है शिअद :

अकाली दल ने प्रधानमंत्री, सीबीआइ, ईडी, मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव तक को 24 पेज की शिकायत भेजी है। इसमें इन सभी अनियमितताओं का जिक्र है। भाजपा के एडवोकेट बिक्रम सिद्धू और शिअद नेता एडवोकेट हरीश राय ढांडा ट्रस्ट के सौदों की सीबीआइ जांच की मांग कर चुके हैं।


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