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धारा-138 में बदलाव पर व्यापारियों ने जताया ऐतराज, बोले- व्यापार करना हो जाएगा मुश्किल

व्यापारियों ने कहा कि इससे व्यापार करना मुश्किल हो जाएगा क्योंकि सिविल में चेक बाउंस के फैसला आने में 10 से 15 वर्ष का समय लग सकता है।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Sun, 21 Jun 2020 06:09 PM (IST)Updated: Sun, 21 Jun 2020 06:09 PM (IST)
धारा-138 में बदलाव पर व्यापारियों ने जताया ऐतराज, बोले- व्यापार करना हो जाएगा मुश्किल
धारा-138 में बदलाव पर व्यापारियों ने जताया ऐतराज, बोले- व्यापार करना हो जाएगा मुश्किल

लुधियाना, जेएनएन। पंजाब प्रदेश व्यापार मंडल की एक बैठक राज्य महासचिव सुनील मेहरा एवं जिला अध्यक्ष अरविंदर सिंह मक्कड की अध्यक्षता में सिविल लाइंस में आयोजित की गई। जिसमें विभिन्न एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बैठक में विशेष रूप से भाजपा जिला अध्यक्ष पुष्पिंदर सिंघल, पंजाब भाजपा महासचिव जीवन गुप्ता ने शामिल होकर व्यापारियों की समस्याएं सुनी।

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सुनील मेहरा ने कहा कि केंद्र और वित मंत्रालय नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट की धारा-138 को कमजोर करने पर विचार कर रही है। इसके अंतर्गत नए कानून के अनुसार अब चेक बाउंस के मामलों को अपराधिक से निकाल कर सिविल में तबदील करने का प्रस्ताव है। सरकार ने 23 जून तक सभी हितधारकों से सुझाव आमंत्रित किए हैं। इसके साथ, व्यापक भय है कि प्रस्ताव यदि लागू किया जाता है, तो क्रेडिट या पोस्ट-डेटेड चेक आधार पर काम करने वाली व्यावसायिक संस्थाओं के काम पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। इससे भविष्य में व्यापार करना मुश्किल हो जाएगा, क्योंकि सिविल में चेक बाउंस के फैसला आने में 10 से 15 वर्ष का समय लग सकता है। उन्होंने बताया कि कोई भी पूरे व्यापार चक्र में बाधा की संभावना से इंकार नहीं कर सकता। इससे  व्यवसाय में देनदारों से किये गए वादों से धन प्राप्त नहीं करने के अतिरिक्त अनिश्चितता का सामना करना पड़ जाएगा।

उन्होंने कहा कि बैंकिंग सेक्टर भी चेक बाउंस मामले अपराधीकरण से हटाने से प्रभावित हो जाएगा और यह अंततः अधिक बैंकों को एनपीए की ओर ले जाएगा। इससे मुकदमों की संख्या में भी वृद्धि होगी, इस प्रकार, न्यायपालिका पर अतिरिक्त बोझ पड़ जाएगा। लेनदारों के पास बचा एकमात्र उपाय वसूली के लिए कोर्ट केस करना होगा जो प्रक्रियात्मक रूप से बहुत धीमा और बोझिल होता है। जो व्यक्ति अपनी वसूली चाहता है, उसे भारी न्यायालय शुल्क देना पड़ेगा और अपने पैसे वापस पाने के लिए वर्षों इंतजार करना पड़ता है। सरकार के इस कदम पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि वे यह समझने में असमर्थ हैं कि सरकार किसके दबाव में धारा-138 को पतला करने का प्रस्ताव कर रही है, जबकि माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने इन मामलों को निपटाने के लिए छह महीने की समय सीमा तय की है। व्यापार मंडल के पंजाब प्रधान प्यारा लाल सेठ व गृहमंत्री अमित शाह के कार्यालय के प्रतिनिधि संजीव पुरी ने भी व्यापारियों की बात का समर्थन करते हुए इस में बदलाव लाने का आग्रह किया। पंजाब इंडस्ट्री सैल के राकेश कपूर ने कहा कि सरकार को दुबई जैसा सख्त कानून बनाना चाहिए।

भाजपा जिला अध्यक्ष पुष्पिंदर सिंघल और पंजाब भाजपा महासचिव जीवन गुप्ता ने व्यापारियों को भरोसा दिलाया कि आप की बात को हम वित मंत्री के आगे रखेगे। क्यों कि व्यापारी भाजपा की रीढ़ की हड्डी है। अगर सरकार कोई भी कानून बनाती है तो वो देश के भले के लिए ही बनाती है। अगर फिर भी व्यापारियों को लगता है कि कानून उनके पक्ष में नहीं है तो वो इसमें बदलाव के लिए सरकार से बात करेगे। इस अवसर पर पवन मल्होत्रा, सुनील मैनी, लव मैनी, राकेश वोहरा, अश्वनी बहल, बनवारी हरजाई, रमेश महाजन, रवि धवन, रमेश पहलवान, महावीर नारिया, राकेश कपूर, शिव कुमार शर्मा आदि मौजूद थे।


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