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गर्मियों में भी बिना किसी चिंता के करें रक्तदान, नहीं आएगी कोई परेशानी

ब्लड की ज्यादातर शार्टेज मई जून व जुलाई में आती है। क्योंकि लोग इन तीन महीनों में भीषण गर्मी व उमस के कारण रक्तदान करने नहीं आते हैं।

By Sat PaulEdited By: Published: Thu, 06 Jun 2019 02:53 PM (IST)Updated: Fri, 07 Jun 2019 09:13 AM (IST)
गर्मियों में भी बिना किसी चिंता के करें रक्तदान, नहीं आएगी कोई परेशानी
गर्मियों में भी बिना किसी चिंता के करें रक्तदान, नहीं आएगी कोई परेशानी

जेएनएन, लुधियाना। गर्मियों के दिनों में अस्पतालों के ब्लड बैंकों में अकसर ब्लड की शॉर्टेज कमी आ जाती है। ब्लड बैंक में कार्यरत स्टॉफ के अनुसार ब्लड की ज्यादातर शार्टेज मई, जून व जुलाई में आती है। क्योंकि लोग इन तीन महीनों में भीषण गर्मी व उमस के कारण रक्तदान करने नहीं आते हैं। लोगों को लगता है कि गर्मियों में ब्लड डोनेट करने से शारीरिक कमजोरी आती है। जबकि चिकित्सकों के अनुसार गर्मियों में अस्पताल में जाकर ब्लड डोनेट किया जा सकता है।

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तरल पदार्थ लेते रहें, वाटर कंटेंट कम नहीं होंगे

सिविल अस्तपाल के ब्लड बैंक के बीटीओ डॉ. जीएस ग्रेवाल ने कहा कि यह सही है कि गर्मियों में रक्तदान करने वालों की कमी आ जाती है। क्योंकि ज्यादा हीट की वजह से पसीने के रूप में बॉडी के वाटर कंटेंट बाहर आते हैं। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि इस तरह की स्थिति में रक्तदान नहीं किया जा सकता है। अगर लोग इस मौसम में रेगुलर तरल पदार्थों जैसे पानी, फलों का जूस व नारियल पानी लेते रहें, तो वॉटर कंटेंट कम नहीं होते हैं। लोग अस्पताल के ब्लड बैंक में आकर रक्तदान कर सकते हैं।

रक्तदान से कमजोरी नहीं आती

जीटीबी अस्पताल की बीटीओ डॉ. अरविंद खुराना ने कहा कि वह अकसर लोगों से यही कहती हैं कि अगर गर्मियों में ब्लड देने से किसी तरह की कमजोरी नहीं आती है। यह अलग बात है कि लोग धूप और गर्मी को देखकर रक्तदान करने से बचते हैं। जबकि गर्मियों में खून की डिमांड काफी बढ़ जाती है। एनजीओ से हमेशा यही कहा है कि अस्पताल में आकर कैंप लगाएं। क्योंकि अस्पतालों में पूरी सुविधाएं होती है। एसी लगे होने की वजह से गर्मी की समस्या भी नहीं आती है।

जरूरतमंदों की जिंदगी बचाने के लिए आगे आएं लोग

जीटीबी अस्पताल की बीटीओ डॉ. अरविंद ने कहा कि बहुत से लोग रक्तदान के बारे में तो जानते हैं, लेकिन रक्तदान नहीं करते। जबकि हम सभी की नैतिक जिम्मेदारी है कि उन लोगों की मदद करें, जिन्हें रक्त की जरूरत है। जब हम रक्तदान करते हैं, तो वह कई लोगों के काम आता है। दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल मरीज, खून की कमी से जूझ रहे मरीज, प्रसव के दौरान गर्भवती महिला व कैंसर व थैलासीमियां के मरीजों को रक्त की जरूरत पड़ती है। रक्तदान करके हम इन सब का जीवन बचा सकते हैं।

ये लोग कर सकते हैं रक्तदान

डॉ. अरविंद ने कहा कि रक्तदान करने में सिर्फ पांच से दस मिनट का समय लगता है। कोई भी स्वस्थ व्यकित जिसकी उम्र 18 से 65 वर्ष के बीच हो और वजन 45 किलोग्राम से अधिक हो, वह रक्तदान कर सकता है। हर तीन माह के अंतराल के बाद रक्तदान किया जा सकता है। नियमित अंतराल पर रक्तदान करने से शरीर में आयरन की मात्रा संतुलित रहती है। रक्तदान से खून पतला होता है।

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