Move to Jagran APP

इस बार नहीं लगे तिब्बती बाजार, लुधियाना के हौजरी कारोबार को लगा 500 करोड़ का झटका

इस बार कोरोना संक्रमण के कारण विभिन्‍न स्‍थानों पर तिब्‍बती बाजार नहीं लगे। इसका सीधा असर लुधियाना के हौजरी कारोबार काे हुआ है। इससे अब तक लुधियाना के हौजरी कारोबार को करीब 500 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Fri, 30 Oct 2020 09:22 PM (IST)Updated: Sat, 31 Oct 2020 08:39 AM (IST)
इस बार नहीं लगे तिब्बती बाजार, लुधियाना के हौजरी कारोबार को लगा 500 करोड़ का झटका
इस साल तिब्‍बती मार्केट के नहीं लगने से लुधियानाा के हौजरी कारोबार काे भारी नुकसान हुआ। (फाइल फोटो)

लुधियाना, [मुनीश शर्मा]। सर्दियों की शुरुआत में हर साल करीब 500 स्थानों पर तिब्बती लोग गर्म कपड़ों का बाजार लगाते रहे हैं। तिब्बती बाजार लगाने वाले करीब पांच हजार लोगों ने हाथ पीछे खींच लिए हैं। उन्हें पहले ही कोरोना संकट के बीच कम लोगों के आने की आशंका थी और ऊपर से पंजाब में मालगाडिय़ां बंद होने अब माल भी समय पर नहीं पहुंचेगा।  तिब्बती बाजार नहीं लगने से लुधियाना के हौजरी कारोबारियों को करीब 500 करोड़ रुपये का झटका लगा है। तिब्बती बाजारों के लिए सभी गर्म कपड़े लुधियाना के दाल बाजार, मोचपुरा बाजार, सुंदरनगर, हजूरी रोड, वेटगंज बाजारों से ही जाते हैं। इस बार इन बाजारों से रौनक गायब है।

loksabha election banner

तिब्बती लोग हर साल सर्दियों से पहले करीब 500 जगह लगाते रहे हैं बाजार

पिछले करीब 20 साल से तिब्बती लोगों के बाजार लुधियाना के हौजरी कारोबारियों के लिए काफी अहम बन गए हैं। छोटे कारोबारी इन पर आश्रित हैं। गर्म कपड़ों की अधिक मांग के कारण ज्यादातर तिब्बती बाजार पहाड़ी इलाकों में लगाए जाते हैं। हिमाचल के धर्मशाला,मनाली, पांटवा साहिब, उत्तराखंड के देहरादून आदि मुख्य हैं।

लुधियाना का हौजरी बाजार।

ट्रेन व मालगाडिय़ों की आवाजाही न होने से भी बड़ा नुकसान

कारोबारियों का मानना है कि कोरोना के बाद ट्रेन व मालगाडिय़ों के बंद होने से यह स्थिति पैदा हुई है। हर साल आने वाले करीब पांच हजार तिब्बती लोग ट्रेनें न चलने के कारण लुधियाना नहीं पहुंच पाए। दूसरा मालगाडिय़ां भी बंद होने से उनके पास भी कोई साधन नहीं है वह सामान समय पर पहुंचा पाएं।

'पिछले साल के 200 करोड़ भी फंसे'

लाला तिब्बत हौजरी एसोसिएशन के चेयरमैन मनजीत कुमार का कहना है कि कोविड के कारण कई जगह तिब्बती बाजार लगाने के लिए अनुमति नहीं मिल रही है। ऊपर से मालगाडिय़ां न चलने से तैयार माल की सप्लाई भी ठप है। इस बार स्टाक क्लीयर नहीं होगा। पिछले साल की भी 200 करोड़ रुपये की पेमेंट फंसी हुई है।

अजय नरुला और अजय गर्ग।

'70 फीसद नीचे गिरा कारोबार

अजय टेक्सटाइल मिल व नरूला ट्रेडर्स के एमडी अजय नरूला का कहना है कि तिब्बतियों के न आने से 70 फीसद कारोबार गिरा है। मुख्य कारण कोविड और अब ट्रेनें नहीं चलना है। यह सीजन सबसे अच्छा होता था लेकिन इस बार काम नहीं है। ट्रेनें व मालगाडिय़ों जल्दी बहाल नहीं हुई तो स्थिति और खराब होती जाएगी।

'अगले साल के उत्पादन पर पड़ेगा असर'

रूबी टेक्सटाइल के अमित गर्ग का कहना है कि यह साल हमारे लिए चुनौती भरा है। कोविड के कारण उत्पादन पहले ही कम था। अनलाक में उत्पादन बढ़ा तो ग्राहक नहीं पहुंच पा रहे हैं। इसका असर अगले साल के उत्पादन पर भी पड़ेगा।

यह भी पढ़़ें: PAU की स्टडी में खुलासा, दिल्ली में प्रदूषण नहीं फैलाता है पंजाब, पराली जलाने का राज्‍य में ही असर

यह भी पढ़़ें:  इस बार नहीं लगे तिब्बती बाजार, लुधियाना के हौजरी कारोबार को लगा 500 करोड़ का झटका

यह भी पढ़़ें:  पंजाब सरकार के कृषि विधेयकों को भी किसानों ने ठुकराया, सेवा बहाल होने की उम्‍मीद टूटी

यह भी पढ़़ें:  नए टाइम टेबल में कई स्टेशनों पर ट्रेनों के ठहराव होंगे बंद, हरियाणा-पंजाब कई ट्रेन के रूट बदलेंगे


पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.