Black Fungus In Punjab: लुधियाना में मिले ब्लैक फंगस के तीन और मरीज, दो सर्जरी से हुए ठीक
Black Fungus in Punjab पंजाब के लुधियाना में ब्लैक फंगस के तीन और मरीज मिले हैं। इन मरीजाें में से दो का समय पर सर्जरी कर उनको ठीक कर दिया गया। एक मरीज की आज सर्जरी की जाएगी।
लुधियाना, जेएनएन। Black Fungus In Punjab: लुधियाना में ब्लैक फंगस (Black Fungus) के तीन और मरीज मिले हैं। शहर के डीएमसी के बाद अब सीएमसी अस्पताल में भी ब्लैक फंगस के तीन मामले सामने आए हैं। तीनों मरीज कोरोना पाजिटिव होने के बाद ठीक हो चुके हैं। तीनों मधुमेह से पीडि़त भी रहे हैं। वे 20 से अधिक दिन तक आइसीयू में रहे हैं और इन्हें स्टेरायड भी दिए गए हैं। इस कारण ब्लैक फंगस एक्टिव हो जाता है। तीनों मरीज समय पर अस्पताल आ गए हैं। फंगस का असर इनके नाक पर हुआ था। नाक के पास काले रंग की पपड़ी बन गई थी। दोनों मरीजों की सर्जरी कर काली पपड़ी निकाल दी है। एक मरीज की सर्जरी आज (शनिवार) को होगी।
समय पर अस्पताल पहुंचते तो सर्जरी कर निकाला दो मरीजों का इंफेक्शन, तीसरे की सर्जरी आज
पहले केस में बठिंडा के 52 मरीज को कोरोना संक्रमण के कारण सीएमसी अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। करीब 20 दिन तक वे आइसीयू में भर्ती रहे। घर पहुंचने पर उन्हें नाक में दर्द हुआ। पानी निकलने लगा। नाक के पास काले रंग की पपड़ी बनने लगी। यह देख वह फिर सीएमसी अस्पताल आए। जांच में पता चला कि उन्हें ब्लैक फंगस है।
तीनों मरीज पहले हो चुके हैं कोरोना संक्रमण का शिकार
इसी तरह लुधियाना की 42 वर्षीय महिला को अप्रैल में कोरोना हुआ। उन्हें मधुमेह की शिकायत भी थी। अस्पताल में भर्ती होने के समय हालत बेहद खराब थी। 22 दिन वह सीएमसी अस्पताल में भर्ती रहना पड़ा। ठीक होने के एक हफ्ते बाद नाक बंद हो गया। नाक से बदबू आने लगी और खून निकलने लगा। सीएमसी अस्पताल में पहुंचकर डाक्टर को दिखाया तो ब्लैक फंगस पाया गया।
फरीदकोट की रहने वाली 52 वर्षीय महिला को डेढ़ महीने पहले कोरोना संक्रमण हुआ। उनका पहले भी हार्ट का आपरेशन हो चुका है। किडनी में दिक्कत है और मधुमेह से भी पीडि़त हैं। सीएमसी अस्पताल में भर्ती होने के बाद उन्हें स्टेरायड देने पड़े। 25 दिन तक आइसीयू में रहने के बाद वह ठीक होकर घर लौट गई। कुछ दिन बाद उन्हें आंखों के पास सूजन रहने लगी। दोबारा सीएमसी में चेक करवाया तो ब्लैक फंगस सामने आया।
सीएमसी अस्पताल के ईएनटी विभाग के हेड डा. आशीष वर्गीज का कहना है कि पहले जिन मरीजों में किडनी खराब, बोनमैरो ट्रांसप्लांट करवाने वाले और कैंसर के मरीजों जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है उनमें ब्लैक फंगस के मामले देखने को मिलते थे। अब तो दो दिन में ब्लैक फंगस के मामले सामने आ रहे हैं। उन्होंने डाक्टरों से भी अपील की कि जब तक मरीज में आक्सीजन का स्तर 90 से नीचे नहीं होता स्टेरायड देना शुरू न करें।
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