लुधियाना में रातों-रात अमीर बनने के चक्कर में मैकेनिकल इंजीनियर बन गए लुटेरे, Web Series देख रची साजिश
मैकेनिकल इंजीनियर धूरी में केएलआरएस शैलर में नौकरी करते थे। रातोंरात अमीर बनना चाहते थे। कुछ दिन पहले ट्रंका वाला बाजार आए थे। वहां इंद्रपाल की दुकान पर भीड़ देख उन्हें लगा कि उसके पास काफी पैसा होगा। गुरप्रीत उर्फ गोरा ने लूट की साजिश रची।
जासं, लुधियाना। न्यू शिवाजी नगर स्थित प्रापर्टी डीलर के घर में आयकर विभाग के अधिकारी बनकर घुसे तीनों नौसरबाज पुलिस के हत्थे चढ़ गए हैं। तीनों मैकेनिकल इंजीनियर हैं लेकिन रातोंरात अमीर बनने के लालच में लुटेरे बन गए। तीनों ने मोबाइल पर आनलाइन फिल्में व वेब सीरीज देख कर आयकर विभाग के अधिकारी बनकर लूट की साजिश रची थी। सोमवार को तीनों आयकर विभाग के अधिकारी बनकर प्रापर्टी डीलर के घर में घुसकर तलाशी लेने लगे लेकिन पकड़े गए।
एडीसीपी-1 प्रज्ञा जैन ने बताया कि आरोपित शमशेर सिंह उर्फ सोना संगरूर जिले के धुरी कस्बे के गांव बंगा वाली, गुरप्रीत सिंह उर्फ गोरा और प्रिंस गोयल धुरी की साबुन वाली गली के रहने वाले हैं। पुलिस ने उनके पास से जाली आयकर नोटिस, पांच हजार रुपये, दो बाइक, एक कंप्यूटर और प्रिंटर जब्त किया है। शिकायतकर्ता गुरदीप सिंह पंजाब रोडवेज से निरीक्षक के पद से सेवानिवृत हुए हैं। आजकल वह प्रापर्टी का काम करते हैं। बेटे इंद्रपाल सिंह की ट्रंका वाला बाजार में दवाइयों की दुकान है। घर में पत्नी, बहू, पोता और पोती होते हैं।
घर में घुसकर थमाया आयकर विभाग का जाली नोटिस
गुरदीप ने बताया कि सोमवार सुबह वह और बेटा इंद्रपाल काम पर चले गए। करीब 11:30 बजे तीनों घर में घुस गए। उन्होंने बहु दमनप्रीत कौर को जाली आयकर नोटिस थमाया। सभी को एक तरफ खड़ा तलाशी लेने लगे। दमनप्रीत को नोटिस देखकर शक हो गया था। उसने शोर मचाया तो पड़ोसी घर के बाहर इकट्ठा हो गए। यह देख लुटेरे भागने लगे लेकिन प्रिंस को लोगों ने दबोच लिया। उसकी निशानदेही पर दोनों साथियों को मंगलवार सुबह कश्मीर नगर चौक से काबू कर लिया।
इंद्रपाल की दुकान में भीड़ देखकर रची लूट की साजिश
तीनों धूरी में केएलआरएस शैलर में नौकरी करते थे। रातोंरात अमीर बनना चाहते थे। कुछ दिन पहले ट्रंका वाला बाजार आए थे। वहां इंद्रपाल की दुकान पर भीड़ देख उन्हें लगा कि उसके पास काफी पैसा होगा। गुरप्रीत उर्फ गोरा ने लूट की साजिश रची। तीनों ने बताया कि यह उनकी पहली वारदात थी।
जहां नौकरी करते थे उसी फर्म के कंप्यूटर का किया इस्तेमाल
इंद्रपाल की स्कूटी के नंबर से तीनों ने घर का एड्रेस निकला और इस एड्रेस का जाली नोटिस तैयार किया। यह नोटिस उन्होंने उसी फर्म के कंप्यूटर में तैयार किए जहां नौकरी करते थे। प्रिंट भी वहीं निकाला। वहीं जाली पहचान पत्र तैयार किए थे।