प्राइवेट गाड़ी में जुगाड़ के तेल से चल रही स्मार्ट सिटी पुलिस
स्मार्ट सिटी की पुलिस इन दिनों जुगाड़ लगाकर के तेल और गाडि़यों पर चल रही है।
दिलबाग दानिश, लुधियाना : स्मार्ट सिटी की पुलिस इन दिनों जुगाड़ लगाकर के तेल और गाडि़यों पर चल रही है। पुलिस की 95 फीसदी पुलिस चौकियों में सरकारी वाहन ही नहीं हैं। थानों में मात्र थाना प्रभारी के पास ही सरकारी गाड़ी है जबकि बाकी कर्मचारी या ता अपने प्राइवेट वाहन पर अपना एरिया देखते हैं या फिर दूर दराज जाने के लिए वह शिकायतकर्ता पर निर्भर रहते हैं। हालात जो यह हैं कि अगर पुलिस को शहर के बाहर कहीं से आरोपित को पकड़ना होता है तो पहले वह गाड़ी के और बाद में तेल के जुगाड़ में लगे रहते हैं। कई उदाहरण ऐसे मिलते हैं जिससे पुलिस कार्रवाई प्रभावित होती भी दिखती है। ऐसा नहीं कि इस संबंधी उच्च अधिकारियों को पता नहीं है, पता होने के बावजूद भी इस तरफ से आंखे मूंदे बैठे हैं। चार चौकियों को छोड़ किसी के पास सरकारी व्हीकल नहीं
शहर में क्राइम ट्रीट को लेकर 28 पुलिस चौकियां थानों के अधीन बनी हुई है। इसमें से चौकी आतम पार्क में बोलेरो, बसंत एवेन्यू में आर्टिगा, चौकी कंगनवाल में बोलेरो और शेरपुर में टवेरा गाड़ी है, जबकि बाकी 24 चौकियों में कोई सरकारी व्हीकल नहीं है। इन्हें अपने 25 किलोमीटर के एरिया में गश्त करने अरोपितों को पकड़ने के लिए सख्त दिशा निर्देश रहते हैं। जिले के 26 थानों में सिर्फ एक-एक बोलेरो गाड़ी ही है,जो करीबन छह साल पहले मुहैया करवाई गई थी, जबकि मात्र डेहलों और हैबोवाल के पास ही एक एक एक्सट्रा गाड़ी है। अदालत में पेशी और घटना स्थल से आरोपित थाने लाना बड़ी समस्या
पुलिस को सबसे बड़ी समस्या गिरफ्तार किए जाते आरोपितों को अदालत में पेश करने और घटना स्थल से आरोपियों को थाने लाने की है। कई बार देखा जाता है कि पुलिस कर्मचारी एक मोटरसाइकिल पर तीन की सवारी कर आरोपियों को पेश करने जाते हैं। व्हीकल नहीं था तो ऑटो में लाए आरोपित
घटनाक्रम बुधवार का है सलेमटाबरी एरिया के 33 फीट रोड़ पर लोगों ने युवकों को मोबाइल छीनते हुए पकड़ लिया। सूचना मिलने पर थाने से दो पुलिस कर्मचारी मोटरसाइकिल पर मौके पर पहुंचे। अब समस्या यह खड़ी हुई कि वह उनके मोटरसाइकिल और आरोपितों को कैसे थाने लेकर जाएं। बाद में मौके पर आटो मंगवाया गया उस पर लादकर मोटरसाइकिल और आरोपितों को थाने ले जाया गया।
भ्रष्टाचार को मिल रहा बढ़ावा
पुलिस की थानों की सरकारी गाड़ियों को सरकारी पंप से तेल मुहैया करवाया जाता है। सूत्रों के अनुसार हर थाने को अलग अलग तेल अलाटमेंट है। मगर थानों की गाड़ियां बेहद पुरानी हैं ओर तय तेल से उनका काम नहीं चलता है और इसका बोझ भी थाना प्रभारी की जेब पर है। यही नहीं सरकारी गाड़ी समेत प्राइवेट गाड़ियों में तेल के लिए पुलिस मुलाजिम जुगाड़ लड़ाते हैं ओर इससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता है। हमने वाहन मांगे हैं, अभी मिले नहीं : एडीसीपी
हां यह समस्या है, थानों में तो जैसे तैसे काम चल रहा है, चौकियों में समस्या ज्यादा है। हमने हेडक्वार्टर से चौकियों के लिए वाहनों की मांग अभी कुछ समय पहले ही की थी मगर अभी तक वाहन नहीं मिले हैं। हम इस तरफ ध्यान दे रहे हैं।
संदीप कुमार, एडीसीपी हेडक्वार्टर