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छापेमार टीमें अब प्रिंसिपल को भेजेंगी कार्रवाई रिपोर्ट

सेक्रेटरी एजुकेशन अब स्कूलों में होने वाली छापेमारी को सिर्फ डराने तक सीमित नहीं रखेंगे बल्कि अब इससे सरकारी स्कूलों में गुणात्मक सुधार लाने पर जोर दिया जाएगा।

By JagranEdited By: Published: Sun, 14 Oct 2018 03:52 PM (IST)Updated: Sun, 14 Oct 2018 04:36 PM (IST)
छापेमार टीमें अब प्रिंसिपल को भेजेंगी कार्रवाई रिपोर्ट
छापेमार टीमें अब प्रिंसिपल को भेजेंगी कार्रवाई रिपोर्ट

जागरण संवाददाता, लुधियाना: सेक्रेटरी एजुकेशन अब स्कूलों में होने वाली छापेमारी को सिर्फ डराने तक सीमित नहीं रखेंगे बल्कि अब इससे सरकारी स्कूलों में गुणात्मक सुधार लाने पर जोर दिया जाएगा। शिक्षा विभाग की छापेमार टीमें छापे मारने के साथ साथ स्कूलों में पाई जाने वाली खामियों को दूर करने के लिए प्रिंसिपलों को सुझाव भी देंगी। यही नहीं छापेमारी के दौरान जो खामिया स्कूल में पाई जाएंगी उस पर की गई कार्रवाई की रिपोर्ट भी टीमें स्कूल प्रिंसिपल को देंगे।

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एजुकेशन सेक्रेटरी कृष्ण कुमार ने जिला स्तर पर शिक्षा सुधार कमेटियों का गठन किया है। जोकि हर माह स्कूलों में चेकिंग करती हैं। सेक्रेटरी ने अक्तूबर से फरवरी तक स्कूलों में होने वाली चेकिंग का शेड्यूल जारी कर दिया है। सेक्रेटरी एजुकेशन ने शिक्षा सुधार कमेटियों को हिदायतें दी हैं कि तय शेड्यूल के मुताबिक ही उन्हें स्कूलों में चेकिंग करनी होगी। इन कमेटियों को प्रतिमाह के हिसाब से 10-10 स्कूलों की सूची दी गई है। साथ ही कहा गया है कि उन्हें स्कूलों में इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ साथ शैक्षणिक गतिविधियों और पढ़ाई के स्तर का भी आकलन करना है। सेक्त्रेटरी ने अपने आदेशों में कहा है स्कूल की पूरी जाच करने के बाद वह प्रिंसिपल के साथ खामियों पर चर्चा करें और उन्हें खामिया दूर करने के सुझाव दें। सेक्रेटरी ने कहा है कि जाच टीमों को पढ़ो पंजाब प्रोजेक्ट की विशेष तौर पर जाच करनी है और इसका जिक्र अपनी रिपोर्ट में भी करना है। सेक्त्रेटरी ने अपने आदेशों में यह भी कहा है कि जाच के बाद अब जो भी कार्रवाई रिपोर्ट तैयार की जाएगी उसकी प्रति बाद में प्रिंसिपल को भी भेजें ताकि वह अपने में सुधार कर सकें।

अब तक सिर्फ अफसरों के पास जाती थी रिपोर्ट

शिक्षा विभाग की जाच टीमें कार्रवाई रिपोर्ट तैयार करके सेक्त्रेटरी एजुकेशन को भेज देते थे। उसके बाद विभाग की तरफ से सीधे प्रिंसिपल से कारण पूछा जाता था और संबंधित टीचर के खिलाफ कार्रवाई की जाती थी। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।


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