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समझौता कराने को गया था रूपनगर, सिर में ईट मार की हत्या

शहर के भामिया कला में युवती से छेड़छाड़ के बाद पैदा हुए विवाद में समझौता करवाने के लिए बुलाए गए युवक धर्मपाल के सिर में ईंट मारकर हत्या कर दी गई।

By JagranEdited By: Published: Fri, 21 Sep 2018 10:48 AM (IST)Updated: Fri, 21 Sep 2018 10:48 AM (IST)
समझौता कराने को गया था रूपनगर, सिर में ईट मार की हत्या
समझौता कराने को गया था रूपनगर, सिर में ईट मार की हत्या

जागरण संवाददाता, लुधियाना : शहर के भामिया कला में युवती से छेड़छाड़ के बाद पैदा हुए विवाद में समझौता करवाने के लिए बुलाए गए युवक धर्मपाल के सिर में ईंट मारकर हत्या कर दी गई। पुलिस ने पिता राजिंदर चौधरी की शिकायत पर मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।

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पुलिस को दिए बयान में राजिंदर चौधरी निवासी भामिया कला ने बताया कि वह और उसका बेटा धर्मपाल एक फैक्ट्री में कपड़े की कटाई करने का काम करते हैं। धर्मपाल के दोस्त सोनू की बहन से किसी मनचले ने छेड़छाड़ की थी। इसके बाद सोनू का विवाद हो गया। जमालपुर के एक युवक ने उसके बेटे को फोन कर दोनों पक्षों में समझौता करवाने के लिए बुलाया था। बेटा धर्मपाल 18 सितंबर को रूपनगर में चला गया था। वहा पर दोनों पक्षों में समझौता हो गया और वह सभी एक-दूसरे से हंसी ठठेली करने लगे थे। उसी दिन रात करीब 8 बजे वे सभी फिर झगड़ पड़े। आरोपितों में से एक युवक ने उनके बेटे के सिर में ईंट मार दी और घायल कर दिया। इससे धर्मपाल बेहोश हो गया। राजिंदर के मुताबिक, मौके पर पहुंचे उनके दामाद और एक अन्य युवक ने उसे छुड़ाया। वह धर्मपाल को घर ले आए। देर रात हालत बिगड़ने पर उसे सिविल अस्पताल ले गए। वहा से धर्मपाल को पटियाला के राजिंदरा अस्पताल रेफर कर दिया गया। यहा पर डॉक्टरों ने सुबह उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने राजिंदर चौधरी की शिकायत पर संजय चौहान, उपिंदर चौहान, नंदू, इंदरासन, इंद्रजीत कुमार, अनुज गुप्ता, गुरविंदर सिंह कालू के खिलाफ हत्या और मारपीट का मामला दर्ज किया है। मामले के जाच अधिकारी सब इंसपेक्टर रविंदरपाल सिंह के अनुसार अभी इस मामले में किसी की भी गिरफ्तारी नहीं हुई है। मामले की गंभीरता से जाच कर रहे हैं। रास्ते में एंबुलेंस का टायर फटा, डेढ़ घटे बाद हुआ दूसरी का प्रबंध

राजिंदर चौधरी के अनुसार वह बेटे धर्मपाल को सिविल अस्पताल लेकर गए थे। यहा से 108 एंबुलेंस के जरिए उसे पटियाला के राजिंदरा मेडिकल कॉलेज में रेफर किया गया था। मगर पटियाला से पहले ही उनकी एंबुलेंस का टायर फट गया। टायर बदलने और दूसरी एंबुलेंस का प्रबंध करने में ही डेढ़ घटे का समय लग गया जब वह बेटे को लेकर राजिंदरा अस्पताल पहुंचे तो उसकी मौत हो चुकी थी। उनका कहना है कि सेहत विभाग की लापरवाही के कारण उसके बेटे की मौत हुई है।


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