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केंद्र सरकार की सख्ती का दिखा असर, सरकारी विभागों में एमएसएमई को मिलने लगी तवज्जो

माइक्रो स्माल एंड मीडियम इंडस्ट्री (एमएसएमई) की सरकारी खरीद में बीस फीसद हिस्सेदारी को सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार की सख्ती रंग ला रही है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 07 Aug 2018 02:50 PM (IST)Updated: Tue, 07 Aug 2018 02:50 PM (IST)
केंद्र सरकार की सख्ती का दिखा असर, सरकारी विभागों में एमएसएमई को मिलने लगी तवज्जो
केंद्र सरकार की सख्ती का दिखा असर, सरकारी विभागों में एमएसएमई को मिलने लगी तवज्जो

मुनीश शर्मा, लुधियाना : माइक्रो स्माल एंड मीडियम इंडस्ट्री (एमएसएमई) की सरकारी खरीद में बीस फीसद हिस्सेदारी को सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार की सख्ती रंग ला रही है। केंद्र के तमाम विभाग खरीद में एमएसएमई को तवज्जो दे रहे हैं। पिछले वित्त वर्ष के दौरान सरकारी विभागों ने छोटे उद्योगों से कुल 26400 करोड़ की खरीद की, लेकिन अभी राज्य सरकारें इस दिशा में उत्साह नहीं दिखा रही हैं। इसे लेकर केंद्र राज्यों से भी बातचीत कर रहा है, ताकि छोटे उद्योगों में बने माल को सरकारी बाजार मिल सके। काबिलेजिक्र है कि केंद्र सरकार ने सरकारी विभागों की खरीद में एमएसएमई की हिस्सेदारी बीस फीसद सुनिश्चित की है, लेकिन इस नियम का कड़ाई से पालन नहीं किया जा रहा है। इसे लेकर लघु उद्योग संगठन लगातार आवाज उठा रहे हैं। अब केंद्रीय रुख के बाद पिछले एक साल में केंद्रीय पीएसयू ने बीस प्रतिशत से अधिक का आकड़ा छू लिया है। अब एमएसएमई देशभर में प्रदेश सरकार के साथ वार्ता कर इसे सुनिश्चित करने का प्रयास करेगी। इसमें अब प्रदेश सरकार के टेंडरों में भी सुनिश्चित करने के लिए काम होगा।

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प्रदेश सरकारों के साथ कर रही बातचीत

भारत सरकार के एमएसएमई सचिव डॉ.अरुण कुमार पंडा के मुताबिक हमारा फोकस एमएसएमई को तेजी से विकसित करना है। इससे ही मेक इन इंडिया के नारे के साथ-साथ बेहतर प्रोडक्शन और रोजगार के अवसर पैदा किए जा सकते हैं। आकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो पिछले दो साल में एमएसएमई से खरीद बढ़ी है। पिछले साल केंद्रीय पीएसयू में 26 हजार 400 करोड़ रुपये की खरीद हुई है, जबकि एससी-एसटी से 543 करोड़ रुपये की खरीद हुई है। उन्होंने कहा कि पंजाब में क्लस्टर को लेकर भी सजगता लाने की आवश्यकता है। इसके लिए 21 क्लस्टर चयनित किए गए हैं। इसको लेकर विभाग तेजी से काम करेगा।

विभाग में अब होंगे इनहाउस कंपटीशन

एमएसएमई विभाग की ओर से अब इनहाउस कंपटीशन आयोजित किए जाएंगे। इसमें विभाग के अधिकारियों से बेहतर इनोवेशन पर काम होगा जो बेहतर आइडिया लाएगा, उसे विभाग की ओर से सम्मानित किया जाएगा। इसी तर्ज पर इंडस्ट्री के लिए भी ओपन हाउस इनोवेशन प्रतियोगिता आयोजित की जाएंगी। उन्होंने कहा कि विभागों के आपसी तालमेल को बढ़ाना अहम है। इसको लेकर विभाग की ओर से संबंधित विभागों की संयुक्त बैठकों का कासेप्ट आरंभ किया जाएगा। छोटे उद्योगों को हर खरीद में करें शामिल

नोवा साइकिल के सीएमडी हरमो¨हदर सिंह पाहवा के मुताबिक एमएसएमई से खरीद में केंद्रीय विभाग तो सहयोग दे रहे हैं, लेकिन प्रदेश स्तर पर यह लागू नहीं हुआ। साइकिल के टेडरों में भी छोटी इंडस्ट्री को तरजीह नहीं दी जाती। इसे सुनिश्चित करने के लिए सख्त आदेश जारी होने चाहिए। निटवियर क्लब के चेयरमैन विनोद थापर के मुताबिक गारमेंट्स के लिए भी सरकारी खरीद में छोटी इंडस्ट्री से खरीद सुनिश्चित की जाए। इसके साथ ही इंपोर्ट होने वाले गारमेंट्स के लिए इंपोर्ट डयूटी बढ़ाई जानी चाहिए।


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