टिब्बा थाने के बाहर परिवार का प्रदर्शन, पुलिस पर शव का पोस्टमार्टम करवाए बिना अंतिम संस्कार करने का लगाया आरोप
अंबाला से आए एक परिवार और संबंधियों ने थाना टिब्बा के बाहर शनिवार को धरना-प्रदर्शन किया।
जागरण संवाददाता, लुधियाना : अंबाला से आए एक परिवार और संबंधियों ने थाना टिब्बा के बाहर शनिवार को धरना-प्रदर्शन किया। वहां मौजूद मनिदर सिंह और उसके भाई परमिदर सिंह ने बताया कि शुक्रवार को उन्हें पता चला कि उनके पिता गुरतेज सिंह (50) की अचानक मौत हो गई। वह हरियाणा रोडवेज में ड्राइवर थे। वह पिछले सात साल से लुधियाना के टिब्बा रोड प्रेम विहार कालोनी में किसी जसवंत कौर नामक महिला के साथ रहते थे, पर अभी तक उनके माता-पिता का तलाक नहीं हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया कि जसवंत कौर ने बिना शादी किए उनके पिता को ब्लैकमेल कर अपने पास रखा हुआ था। इसी डर से उनके पिता अंबाला नहीं आते थे। दोनों बेटों ने बताया कि उनकी मौत की खबर सुनते ही वह परिवार सहित लुधियाना आए। उन्होंने थाने में शिकायत दर्ज करवाई कि उनके पिता गुरतेज के शव का पोस्टमार्टम करवाकर उनके हवाले किया जाए। उनका आरोप है कि पुलिस ने न तो पोस्टमार्टम कराया और न ही उन्हें शव दिलाया। उनकी गैरमौजूदगी में उनके पिता का अंतिम संस्कार भी कर दिया गया। इसी कारण वह धरना दे रहे हैं और उन्होंने पुलिस प्रशासन से इंसाफ की गुहार लगाई है। शव का पोस्टमार्टम करवाने की शिकायत नहीं आई: एएसआइ
थाना टिब्बा के एएसआइ बलदेव राज ने बताया कि उनके पास गुरतेज के शव का पोस्टमार्टम करवाने के लिए कोई शिकायत नहीं आई। केवल शव को अपने साथ ले जाने की मांग की गई थी। दूसरी तरफ जसवंत कौर नाम की महिला का कहना था कि गुरतेज सिंह सात साल से उनके साथ रह रहा था। कागजी तौर से वह ही वारिस है। इसलिए गुरतेज का अंतिम संस्कार वह ही करेगी। पेंशन पाने के लिए दोनों बेटों ने शव ले जाने की मांग की: जसवंत कौर
उधर, प्रेम विहार निवासी जसवंत कौर ने बताया कि गुरतेज अपनी मर्जी से सात साल से उसके साथ रह रहा था। उसकी पहली पत्नी और बच्चों से कोई रिश्ता नहीं था। उनकी मौत की खबर उनके परिवार को भेज दी गई थी। उनके दोनों बेटे आए, पर उन्होंने पिता का चेहरा भी नहीं देखा। उल्टा पुलिस से शव ले जाने की मांग करते रहे ताकि सरकारी पेंशन उनको मिल सके, क्योंकि गुरतेज हरियाणा रोडवेज में ड्राइवर थे। गुरतेज सिंह ने अपने पासपोर्ट और आधार कार्ड में जसवंत कौर का ही नाम लिखा था और सरकारी डिपार्टमेंट जसवंत कौर को ही नामिनी लिखकर दी है।