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नारद मोह प्रसंग सुनकर श्रद्धालु विभोर हुए

ग्यासपुरा के पीपल चौक स्थित विजय श्री रामलीला क्लब के दुर्गा पूजा समारोह में वृंदावन महाराज ने नारद मोह का प्रसंग सुनाया।

By JagranEdited By: Published: Mon, 19 Oct 2020 04:50 AM (IST)Updated: Mon, 19 Oct 2020 05:10 AM (IST)
नारद मोह प्रसंग सुनकर श्रद्धालु विभोर हुए
नारद मोह प्रसंग सुनकर श्रद्धालु विभोर हुए

जासं, लुधियाना : ग्यासपुरा के पीपल चौक स्थित विजय श्री रामलीला क्लब के दुर्गा पूजा समारोह में वृंदावन महाराज ने नारद मोह का प्रसंग सुनाया। उन्होंने कहा कि भगवान इंद्र नारद की तपस्या भंग करने के लिए कामदेव को भेजते हैं। कामदेव माया से बसंत ऋतु को उत्पन्न करते हैं। लेकिन, वह तपस्या को भंग नहीं कर पाते। इसके बाद वह नारद से क्षमा मांगकर चले जाते हैं। कामदेव के जाने के बाद नारद मुनि को अहंकार हो जाता है जिसे तोड़ने के लिए श्रीहरि उनके रास्ते में सुंदर नगर बना देते हैं। उस नगर में शीलनिधि नामक राजा रहता है, उसकी एक पुत्री विश्वमोहिनी बहुत ही सुंदर है। नारद जी राजा के यहां पहुंचते हैं, तो राजा अपनी कन्या की हस्तरेखा देखकर गुण दोष बताने के लिए कहते हैं। जब वह विश्वमोहिनी के स्वयंवर में पहुंचते हैं, तो नारद की जगह विश्वमोहिनी किसी और को वरमाला डाल देती है। यह देख नारद गुस्से में आ जाते हैं। जब दर्पण में अपना मुंह देखते हैं तो भगवान विष्णु पर नाराज हो उठते हैं। इसके साथ ही कथा को विश्राम दिया गया। मौके पर प्रधान गुरुदीन पाल, जयप्रकाश मिश्रा, एएन मिश्रा राम, नारायण यादव, अवधेश तिवारी, अरविद तिवारी, राजेंद्र सिंह, डा. जयंत चौहान मौजूद रहे।

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