निगम ने गिल पुल बनाने वाली कंपनी के जिम्मे डाला रिपेयर का खर्च
गिल फ्लाई ओवर की रिटेनिंग वॉल टूटने के बाद प्रशासन ने पुल की रिपेयर का जिम्मा चंडीगढ़ की एक कंपनी को सौंप दिया।
राजेश भट्ट, लुधियाना : गिल फ्लाई ओवर की रिटेनिंग वॉल टूटने के बाद प्रशासन ने पुल की रिपेयर का जिम्मा चंडीगढ़ की एक कंपनी को सौंप दिया। कंपनी को रिपेयर का काम शुरू किए सवा महीने से ज्यादा का वक्त बीत गया, लेकिन अभी तक यह तय नहीं हुआ कि रिपेयर का खर्चा कौन सी सरकारी एजेंसी वहन करेगी। दरअसल नगर निगम पुल को नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया को सौंप चुका है, जबकि एनएचएआइ पुल रिपेयर पर पैसे खर्च करने को मना कर चुकी है क्योंकि यह पुल एनएचएआइ के पास हाल ही में आया है। इस सब के बीच निगम ने रिपेयर करने वाली कंपनी को पेमेंट करने की जिम्मेदारी पुल बनाने वाली कंपनी के जिम्मे डाल दी। निगम बाद में कंपनी को पेमेंट देगा या नहीं अभी इस पर कोई फैसला नहीं हुआ। गिल फ्लाई ओवर की रिटेनिंग वॉल टूटने के बाद प्रशासन ने एनएचएआइ, नगर निगम व पुल बनाने वाली कंपनी को बुलाया था, जिसमें पुल रिपेयर करने पर चर्चा की गई। उसके बाद अगले दिन ही मोहाली की एक कंपनी ने प्रेजेंटेशन दी और बताया कि वह 15 दिन में पुल रिपेयर कर लेंगे, जिसके बाद पुल की रिपेयर का जिम्मा उस कंपनी को दे दिया गया। जानकारी के मुताबिक पुल रिपेयर करने को लेकर पहले एस्टीमेट तक तैयार नहीं किया गया। जिसकी वजह से खर्च का आकलन नहीं किया जा सका। रिपेयर करने वाली कंपनी ने काम शुरू कर दिया। जानकारी के मुताबिक अब रिपेयर करने वाली कंपनी को पुल बनाने वाली कंपनी दीपक बिल्डर की तरफ से पेमेंट की जा रही है। इस बात को निगम कमिश्नर जसकिरन सिंह भी मान चुके हैं। मेरी जिम्मेदारी पूरी हो चुकी थी फिर भी दे रहा हूं रिपेयर का खर्च
दीपक बिल्डर कंपनी के दीपक सिंगला का कहना है कि पुल बने दस साल हो गए हैं। कांट्रेक्ट के मुताबिक दो साल ही मेंटेनेंस की जिम्मेदारी होती है। उसके बाद पूरी जिम्मेदारी नगर निगम की है। उन्होंने बताया कि वह लुधियाना के रहने वाले हैं इसलिए उन्होंने पुल रिपेयर का खर्च उठाने की जिम्मेदारी ली है। उन्होंने बताया कि निगम के पास कोई बजट नहीं था। ऐसे में रिपेयर में देरी हो सकती थी और शहर वासियों को इससे दिक्कत झेलनी पड़ती। पुल नगर निगम ने एलीवेटिड रोड प्रोजेक्ट के दौरान एनएचएआइ को सौंपा है। ऐसे में पुल को रिपेयर करवाने की जिम्मेदारी निगम की है।
बीएस चौहान, प्रोजेक्ट इंचार्ज एनएचएआइ, लुधियाना कोट्स
पुल रिपेयर का खर्च अभी पुल बनाने वाली कंपनी के जिम्मे डाला गया है। कंपनी ही रिपेयर करने वाली कंपनी को पेमेंट कर रही है।
जसकिरन सिंह, कमिश्नर, नगर निगम लुधियाना