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सॉफ्टवेयर की खराबी, उद्यमियों का 558 करोड़ जीएसटी रिफंड फंसा

पंजाब में 89 फीसद रिफंड फंस जाने से उद्यमियों की परेशानी बढ़ गई है। उद्यमियों का 558 करोड़ जीएसटी रिफंड सॉफ्टवेयर की खराबी के कारण फंसा हुआ है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sun, 11 Mar 2018 12:53 PM (IST)Updated: Sun, 11 Mar 2018 12:53 PM (IST)
सॉफ्टवेयर की खराबी, उद्यमियों का 558 करोड़ जीएसटी रिफंड फंसा
सॉफ्टवेयर की खराबी, उद्यमियों का 558 करोड़ जीएसटी रिफंड फंसा

लुधियाना [मुनीश शर्मा]। गुड्स एवं सर्विस टैक्स (जीएसटी) के रिफंड को लेकर उद्यमी परेशान हैं। प्रक्रिया से सिस्टम को तो सुधारने का प्रयास किया गया है, लेकिन सॉफ्टवेयर मजबूत न होने व प्रोसेसिंग की दिक्कतों का खमियाजा उद्योग जगत भुगतना पड़ रहा है। सॉफ्टवेयर में खराबी से पंजाब के उद्यमियों का करीब 558 करोड़ का रिफंड फंस गया है।

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28 फरवरी तक पंजाब का 628 करोड़ रुपये के रिफंड में से केवल 70 करोड़ रुपये का रिफंड मिला है। यानी केवल 89 फीसद रिफंड अभी भी लटका हुआ है। जिसे लेकर सरकार भी गंभीर नहीं है। रिफंड रुकने की मुख्य वजह सॉफ्टवेयर में तकनीकी दिक्कत को बताया जा रहा है। जिस कारण पंजाब के एक्सपोर्टर्स का ज्यादातर पैसा रिफंड में फंस गया और उनके सामने आर्थिक परेशानी खड़ी हो गई है।

जानकारों के अनुसार इसका सबसे ज्यादा नुक्सान एक्सपोर्टरों को सहना पड़ रहा है। क्योंकि खरीद पर एक्सपोर्टरों को जीएसटी देना पड़ता है। जबकि रिफंड के लिए आईजीएसटी, सीजीएसटी और एसजीएसटी के माध्यम से क्लेम लेना पड़ता है और इसके लिए लंबे समय का इंतजार करना पड़ रहा है।

दो तरह से मिलता है एक्सपोर्टर्स को रिफंड

एक्सपोर्टर्स को दो तरह से रिफंड मिलता है। इसमें पहला क्लेम लैटर ऑफ अंडरटेकिंग (आइटीसी) रिफंड के लिए जीएसटी कमिश्नरेट में अप्लाई करना पड़ता है। इसमें 90 दिनों में सीजीएसटी का 90 प्रतिशत सेंक्शन हो जाता है। जबकि एसजीएसटी के कंपोनेंट के लिए प्रदेश सरकार के पास जाना पड़ता है। इसमें पंजाब के उद्यमियों को सबसे ज्यादा समस्या का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि पंजाब सरकार खजाना खाली होने का कहकर रिफंड नहीं दे रहे हैैं। जबकि कानून के मुताबिक सीजीएसटी मिलने के एक सप्ताह बाद एसजीएसटी देना अनिवार्य है। दूसरा सिस्टम एक्सपोर्टर इनवायस में जीएसटी लगाते है और इसका आइजीएसटी की शकल में रिफंड मिलता है।

कैसे हो जल्द रिफंड का हल

जो शिपमेंट सीपोर्ट के सॉफटवेयर में हो रही है, उसके रिफंड में दिक्कत नहीं आ रही, जबकि इनलैैंड कंटेनर डिपो (आइसीडी) में की गई शिपमेंट में दिक्कत आ रही है। लुधियाना में 6 डिपो है, यहां शिपमेंट के करने के बाद दोबारा सीपोर्ट में एंट्री की जाती है, ऐसे में सॉफटवेयर समस्या से रिफंड रुक जाता है। रिफंड लेने के लिए इलैक्ट्रानिक जनरल एंट्री (ईजीएम) करवानी पड़ती है। यहां वर्णन योग्य है कि ड्रा बैक और संबंधित इंसेटिव लैैड एक्सपोर्ट आर्डर पर भी दिए जाते है। इसे देखकर आइजीएसटी भी दिया जा सकता है।

प्रधानमंत्री को लिखा पत्र, 12 मार्च को बैठक 

लुधियाना हैैंड टूल एसोसिएशन के प्रधान और फियो के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एससी रल्हन के मुताबिक आइजीएसटी रुकने के बारे में विभाग के साथ कई बैठकें किए जाने के बाद भी समस्या हल नहीं हुई। जिसे लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा गया है और 12 मार्च को इस संबंध में बैठक दिल्ली में होगी। इस दौरान इस समस्या के हल के लिए कहा जाएगा।

मैनुअल रिफंड करेगा लुधियाना कस्टम

कस्टम कमिश्नर एएस रंगी के मुताबिक लंबे समय से एक्सपोर्टर्स के रुके रिफंड को जल्द देने के लिए विभाग काम कर रहा है। हाल ही में 70 करोड़ रुपये का रिफंड किया गया है। जबकि तकनीकी कारणों से सॉफ्टवेयर की परेशानी और कई कंपनियों ने अप्लाई करने में गलतियां की है। इसे सुधार कर मैनुअल तरीके से शीघ्र रिफंड जारी किए जाएंगे। अगले माह तक अधिक  से अधिक रिफंड जारी करने की तैयारी है।

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