प्रभु महावीर की शिक्षाएं पापाचार से मुक्त होने का माध्यम : साध्वी रत्न संचिता
एसएस जैन सभा सिविल लाइंस के तत्वावधान में जैन स्थानक सिविल लाइंस में महासाध्वी वीणा महाराज ठाणा-5 के सानिध्य में चातुर्मास सभा जारी है।
संस, लुधियाना : एसएस जैन सभा सिविल लाइंस के तत्वावधान में जैन स्थानक सिविल लाइंस में महासाध्वी वीणा महाराज ठाणा-5 के सानिध्य में चातुर्मास सभा जारी है। सभा में साध्वी रत्न संचिता महाराजा ने कहा कि जैन धर्म कोई मत या संप्रदाय नहीं, वह तो वस्तु का स्वरूप है, एक तथ्य है, तत्व है, परम सत्य है। उस परम सत्य को प्राप्त कर नर से नारायण बना जा सकता है। भगवान महावीर स्वामी ने अंतिम 30 वषरे में प्राणी मात्र के कल्याण के लिए सर्वोदय तीर्थ का प्रवर्तन प्रचार व प्रसार किया। आज हमारे देश में या विश्व में मानव के जीवन की जो परिस्थितियां बनी हुई है, उसके निदान हेतु केवल महावीर के सिद्धांत और शिक्षाओं को अपनाने से ही हल संभव है। उन्होंने कहा कि चारों तरफ भ्रष्टाचार, पापाचार, अहंकार, क्रोध, मान, माया, लोभ का वातावरण बना हुआ है। इससे मुक्त होने का माध्यम प्रभु महावीर की शिक्षा व सिद्धांतों को अपनी जीवन में धारण करना। महासाध्वी वीणा महाराज ने कहा कि आज का मानव मन से अशांत है। उत्पीड़ित है। इसी के चलते वह रात- दिन चिता ग्रस्त बना रहता है। मन को शुभ विचारों से ही वश में किया जा सकता है। अभ्यास व वैराग्य द्वारा ही मन शांत होता है। आज का मानव मन संसारिक प्रलोभनों में वासना में संलग्न रहता है। परिणामत: वह ओर अधिक अशांति में चला जाता है। मन को वश में रखने के लिए खान- पान, रहन- सहन की सात्विकता शुद्धता आवश्यक है। इस अवसर पर सभाध्यक्ष अरिदमन जैन, चातुर्मास कमेटी चेयरमैन जितेंद्र जैन, सीनियर उपाध्यक्ष सुभाष जैन, महामंत्री प्रमोद जैन, कोषाध्यक्ष रजनीश जैन गोल्ड स्टार, विनोद जैन गोयम, रविदर जैन भ्राता, संजय जैन, वैभव जैन मौजूद रहे।