तलवंडी बोले- शिरोमणि अकाली दल पर बादल परिवार का कब्जा, अन्य सीनियर नेता को नहीं दी जा रही तवज्जो
टकसाली नेता रणजीत सिंह तलवंडी ने कहा कि बादल परिवार ने उनका नाम काट मुल्लांपुर दाखा से मनप्रीत सिंह अयाली को टिकट दे दी इसलिए वे नाराज थे।
लुधियाना, अर्शदीप समर। शिरोमणि अकाली दल से नाराज टकसाली नेता रणजीत सिंह तलवंडी ने कहा कि मुल्लांपुर दाखा से 2017 में विधानसभा चुनाव में उनकी टिकट बनती थी। लेकिन जब टिकटों को लेकर लिस्ट आई तो बादल परिवार ने उनका नाम काट मुल्लांपुर दाखा से मनप्रीत सिंह अयाली को टिकट दे दी। दैनिक जागरण से विशेष बातचीत में टकसाली नेता रणजीत सिंह तलवंडी ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने उनके परिवार को वादा किया था कि विधानसभा खन्ना रिजर्व होने के बाद रणजीत सिंह तलवंडी को मुल्लांपुर दाखा से टिकट दी जाएगी। क्योंकि तलवंडी का पुराना घर मुल्लांपुर दाखा में है। लेकिन लिस्ट में उनका नाम काट दिया।
तलवंडी ने कहा कि शिरोमणि अकाली दल पर बादल परिवार ने पूरी तरह से कब्जा कर लिया है। उन्होंने कहा कि एक ही परिवार में मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री और कैबिनेट मंत्री शामिल हैं। पार्टी में किसी अन्य सीनियर नेता को कोई तवज्जो नहीं दी जा रही। उन्होंने कहा कि श्री गुरुग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामले को लेकर भी वह काफी आहत थे। जिसके चलते उन्होंने शिरोमणि अकाली दल (ब) को छोड़ दिया। उन्होंने कहा कि सुखदेव सिंह ढींडसा वाले अकाली दल में सभी टकसाली नेता शामिल हो रहे हैं और लोगों के हित के लिए लड़ाई लड़ेंगे।
पिता के कहने पर जर्मनी से वापस लौटे थे तलवंडी
टकसाली अकाली नेता रणजीत सिंह तलवंडी ने कहा कि उनके पूरे परिवार ने पिछले 80 साल से शिरोमणि अकाली दल की सेवा की है। उन्होंने कहा कि उनके पिता जगदेव सिंह तलवंडी ने इमरजेंसी के दौरान लोगों के हितों को लेकर शिअद नेताओं के साथ मिलकर गिरफ्तारी दी थी। इस दौरान रणजीत सिंह तलवंडी वेस्ट जर्मनी में डिप्लोमा कर कार सेल्समैन का काम कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जेल से छूटने के बाद उनके पिता ने जगदेव सिंह ने जर्मनी में उन्हें फोन किया और देश की सेवा करने के लिए वापस भारत बुलाया। उसके बाद 1988 में लोगों की हितों के लिए धरना देते हुए जेल भी गए।
एक बार बने विधायक, तीन बार हारे चुनाव
शिरोमणि अकाली दल से बागी टकसाली नेता रणजीत सिंह तलवंडी शिअद की तरफ से चार बार विधानसभा चुनाव लड़े हैं। तलवंडी ने 1997 में रायकोट से चुनाव लड़ा और हार गए। उसके बाद 2002 में उन्होंने रायकोट से ही चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। 2007 और 2012 में वह खन्ना से चुनाव लड़े, लेकिन दोनों ही चुनावों में हार का मुंह देखना पड़ा। उसके बाद खन्ना रिजर्व हो गया और तलवंडी परिवार ने पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल से मुल्लांपुर दाखा से टिकट मांगी। लेकिन उनकी टिकट काट दी गई।
शिअद से बागी नेता लगातार हैं उनके संपर्क में
पूर्व विधायक व शिअद से बागी टकसाली नेता रणजीत सिंह तलवंडी ने कहा कि शिअद से काफी नेता नाराज चल रहे हैं। जिस कारण वह पार्टी छोड़ कर सुखदेव सिंह ढींडसा वाले अकाली दल में शामिल होने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में कई वरिष्ठ नेता उनकी पार्टी में शामिल होंगे। इसके साथ ही पंजाब का काफी यूथ उनके साथ जुड़ रहा है। ताकि पंजाब में लोगों के हित में सरकार बना सकें। तलवंडी ने कहा कि कांग्रेस भी बुरी तरह से फेल हो चुकी है।
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