नशे का गढ़ है लुधियाना का यह गांवः डेढ़ साल में चार मौतें, हर तीसरे दिन केस; पुलिस बेबस
दो साल पहले यह गांव तब सुर्खियों में आया था जब यहां के युवकों ने गांव की तरफ आने वाले रास्तों पर नाकाबंदी करनी शुरू कर दी थी।
लुधियाना [दिलबाग दानिश]। 40 लाख की आबादी वाले शहर को नशामुक्त करने का दम भरने वाली पुलिस दो साल में अकेले तलवंडी कलां गांव को ही नशामुक्त नहीं कर पाई है। इस गांव में करीब 12 सौ वोटर हैं। यहां पर आधे गांव के लोगों पर नशा तस्करी के केस दर्ज हैं। हर तीसरे दिन यहां के तस्कर पर केस दर्ज हो रहा है।
गांव के कुछ युवाओं ने नशा तस्करों के खिलाफ खुद इसका बीड़ा उठाया था मगर पुलिस मात्र केस मामले दर्ज करने के सिवा कुछ नहीं कर पा रही है। चिंता की बात यह है कि डेढ़ साल में यहां पर नशा करने पर चार युवकों की मौत हो चुकी है और करीब छह लोगों को गंभीर हालत में अस्पतालों में दाखिल करवाया गया था। अब ग्रामीणों ने मन बनाया है कि जब भी मुख्यमंत्री शहर आएंगे तो उनके समक्ष यह मुद्दा उठाया जाएगा।
जालंधर रोड पर होने के कारण तस्करों का हब बना यह गांव
तलवंडी कलां गांव शहर के आउटर एरिया में जालंधर रोड पर स्थित है। राष्ट्रीय राजमार्ग पर होने के कारण तस्कर आसानी से गांव में नशा पहुंचाते हैं और फिर इसे आगे सप्लाई किया जाता है। यहां पर महिलाएं घर पर ही नशे की डोज देती हैं और नशेड़ी गांव में ही बीरानी एरिया सतलुज के किनारे पर नशा करते हैं और चले जाते हैं। पहले तो घर पर ही नशे की डोज दे दी जाती थीं, मगर युवकों की हुई मौतों के बाद तस्कर घर पर नशे का सेवन करने की इजाजत नहीं दे रहे हैं।
दो साल पहले सुर्खियों में आया गांव
दो साल पहले यह गांव तब सुर्खियों में आया था, जब यहां के युवकों ने गांव की तरफ आने वाले रास्तों पर नाकाबंदी करनी शुरू कर दी थी। वह यहां आने वाले तस्करों और नशा करने वाले युवकों को पकड़ते थे और उनसे मारपीट भी करते थे। बाद में जब मामला पुलिस के पास जाने लगा तो इन पर ही हमले होने लगे थे। एक बार तो माहौल तनावपूर्ण भी हो गया था।
गांव में अस्थायी चौकी की मांग कर चुकी है पंचायत
गांव की पंचायत के सदस्य कई बार मांग कर चुके हैं कि यहां पर पुलिस की अस्थायी चौकी बना दी जाए। वह इसके लिए जगह देने को भी तैयार हैं। अगर पुलिस की यहां पर मौजूदगी रहेगी तो तस्करी पर लगाम लग सकती है।
यहां पर नशा करने की वायरल हो चुकी हैं कई वीडियो
गांव में नशा करने वालों की वीडियो कई बार वायरल हो चुकी हैं। एक बार तो जब पंचायत ने नशा करते हुए एक युवक को पकड़ा तो उससे पूछा गया कि वह नशा कहां से लेकर आया है तो उसका कहना था कि आधा गांव बेच रहा है कहीं से भी ले लो।
तीन दिन पहले हुई फगवाड़ा के युवक की मौत
तीन दिन पहले फगवाड़ा के युवक की मौत सतलुज किनारे हुई थी। उसने भी यहां से नशा खरीदा और सेवन कर वहीं पर मर गया था। इससे पहले दो और युवकों के शव यहां से बरामद हो चुके हैं।
पुनर्वास की तरफ ध्यान दे सरकार: सरपंच
गांव के सरपंच मनजीत सिंह लवली का कहना है कि यहां के तस्करों पर इतने मामले दर्ज हैं कि वह अदालतों का खर्च ही अदा नहीं कर पा रहे हैं। इसलिए सरकार को इनके लिए काम मुहैया करवाना चाहिए और उनके पुनर्वास का प्रबंध करना होगा। तभी गांव का सुधार होगा। नहीं तो इसका असर आसपास के गांवों पर भी होना लाजिमी है।
पुलिस अपना काम कर रही, सरकार स्तर पर बात करेंगे: सीपी
पुलिस कमिश्नर राकेश अग्रवाल ने कहा कि गांव में नशा बेचने वालों पर निरंतर कार्रवाई की जा रही है। पकड़े जाने पर आपराधिक मामले दर्ज किए जा रहे हैं। पुनर्वास का काम सरकार का है, हम उनसे इस संबंध में जरूर बात करेंगे।