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स्विफ्ट कार गिरोह की दहशत, 45 दिन में कीं 14 वारदातें

29 थाने, 30 चौकियां और सेफ सिटी प्रोजेक्ट के हाईडेफिनेशन 450 सीसीटीवी कैमरे। फिर भी महानगर में स्विफ्ट कार में सवार चोर गिरोह ने 45 दिन में 14 वारदातें कर डाली। हैरत की बात ये है कि इन वारदातों में से एक में भी पुलिस इन शातिर चोरों को पकड़ नहीं पाई और न ही पुलिस के सीसीटीवी कैमरे उन्हें कैद कर पाए हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 03 Oct 2018 07:00 AM (IST)Updated: Wed, 03 Oct 2018 07:00 AM (IST)
स्विफ्ट कार गिरोह की दहशत, 45 दिन में कीं 14 वारदातें
स्विफ्ट कार गिरोह की दहशत, 45 दिन में कीं 14 वारदातें

गगनदीप रत्न, लुधियाना

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29 थाने, 30 चौकियां और सेफ सिटी प्रोजेक्ट के हाईडेफिनेशन 450 सीसीटीवी कैमरे। फिर भी महानगर में स्विफ्ट कार में सवार चोर गिरोह ने 45 दिन में 14 वारदातें कर डाली। हैरत की बात ये है कि इन वारदातों में से एक में भी पुलिस इन शातिर चोरों को पकड़ नहीं पाई और न ही पुलिस के सीसीटीवी कैमरे उन्हें कैद कर पाए हैं। हालात ये हैं कि इस गिरोह के सदस्य एक के बाद एक कर कई वारदातें करते जा रहे हैं और पुलिस सिवाए नाकों पर खड़े होने के कुछ नहीं कर पा रही। इससे शहर के लोग व दुकानदार भी दहशत में हैं। कई वारदातें की पर गिरोह पकड़ से बाहर

पहले तो 30 सितंबर की रात से एक अक्टूबर की तड़के तक इस गिरोह के सदस्यों ने पूरे शहर में घूमकर 7 दुकानों पर वारदातें की। इसके अलावा नौसरबाजी, स्नेचिंग की सात और वारदातें कूमकलां, डेहलों, दरेसी और डिविजन 2 व अन्य थानों के इलाके में कर चुके हैं। पर किसी में भी इस शातिर गिरोह के सदस्य पकड़ में नहीं आ पाए। हालांकि जहां से भी इन अपराधियों ने वारदातें की हैं, वहां सेफ सिटी प्रोजेक्ट के कैमरे लगे हैं। मगर अभी तक पुलिस उनकी कार की क्लीयर फोटो नहीं जुटा पाई।

पुलिस की गश्त पर सवाल

पुलिस की गश्त सिर्फ भीड़-भाड़ वाले इलाकों तक ही सीमित होकर रह गई है। जो इलाके रात को सुनसान होते हैं और जहां गश्त की जरूरत है, वहां तो रात में पुलिस नजर ही नहीं आती। विभागीय सूत्रों की मानें तो उन्हें एक दिन का दो लीटर तेल गश्त के लिए मिलता है, लेकिन पिछले काफी समय से उन्हें तेल ही नहीं मिल रहा। इस वजह से कुछ तो अपनी जेब से तेल डलवा रहे हैं और कुछ गश्त न कर सिर्फ चौक पर आकर खड़े हो रहे। यही कारण है कि चोर लुटेरे इसका फायदा उठा रहे है।

फर्जी नंबरों का हो रहा इस्तेमाल

कुछ साल पहले पुलिस ने ऐसे ही एक गिरोह को गिरफ्तार किया था, जो चोरी की कार पर वारदात कर रहे थे और उस पर नंबर बाइक का लगा रखा था। सूत्र बताते हैं कि पुलिस को एक मामले में उस स्विफ्ट कार का नंबर मिला था। उसे ट्रेस किया गया लेकिन वो नंबर एक बाइक का निकला। पुलिस द्वारा शहर में चेकिंग न करने की वजह से ही ऐसे वाहन घूम रहे हैं।

शनिवार तो 3 वारदातें हुईं पर कोई भी ट्रेस नहीं

पुलिस कितनी काबिल है, इसका अंदाजा इस बात से लगा लीजिए कि शनिवार को दिन-दिहाड़े लूट की तीन वारदातें हुई। लेकिन इनमें से एक भी पुलिस ट्रेस नहीं कर पाई। सीसीटीवी फुटेज मिलने के बाद भी पुलिस आरोपितों से कोसों दूर है।

-------- कोट्स --

यह गैंग मालेरकोटला का है, जो हमारी रडार पर है। इसे पहले भी पकड़ा गया था, जल्द इसका पर्दाफाश किया जाएगा। पुलिस को भी मुस्तैदी से ड्यूटी करने के लिए कहा गया है।

-डॉ. सुखचैन सिंह गिल, पुलिस कमिश्नर


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