चुनावों में खत्म हो गई है पहले जैसी रौनक: उजागर सिंह
आज की राजनीति को भी आधुनिक जीवन शैली का रंग चढ़ गया है।
बिदु उप्पल, जगराओं
आज की राजनीति को भी आधुनिक जीवन शैली का रंग चढ़ गया है। पहले तो चुनाव होने से एक महीना पहले गांव-गांव शहर-शहर पोस्टरों, झंडिया के उभरते रंग जनता को चुनाव की तिथि की याद दिलाते थे। अब चुनाव चाहे 19 मई को है, लेकिन अभी तक जो उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं, उन्होंने केवल अपने दफ्तरों के आगे दो-चार झंडे लगाए हैं। चुनावों में पहले जैसी रौनकें खत्म हो गई हैं। यह कहना था जगराओं तहसील के गांव पौने दे कोठे वासी सुपर सीनियर सिटीजन उजागर सिंह का।
दैनिक जागरण से बातचीत में उजागर सिंह ने कहा कि चुनावों में चाहे जितनी मर्जी पार्टियां खड़ी हो जाए लेकिन अभी तक किसी ने जनता के लिए कुछ किया है। उन्होंने तो केवल अपनी जेबें भरनी हैं और राजनीति में पूरे परिवार को शामिल कर जनता का खून चूसना है।
सीनियर वोटर उजागर सिंह ने कहा कि पहले चुनाव वाले दिन गलियों-मोहल्लों में पूछते थे कि आपने वोट डाल ली और नहीं डाली तो परमजीत को भी, उसको भी बुला लो, चलो सारे ही इकट्ठे वोट डालकर आते हैं। लेकिन अब एक परिवार के ही सदस्यों को ही नहीं पता होता कि किसने वोट डाली है और किसने नहीं। उन्होंने कहा कि वोट डालेंगे तभी हमारी वोट से अच्छी सरकार की उम्मीद रखी जाएगी। उन्होंने कहा कि वह भी 19 मई को मतदान करने परिवार के साथ जाएंगे। गांव की गलियां अब तक नहीं बनीं
उजागर सिंह ने कहा कि जब से मैं इस गांव में रहता हूं वहां की नालियां वैसे की वैसे हैं। उसमें कोई सुधार नहीं हुआ। लाइफ तो मॉडर्न हुई नहीं, लेकिन हां अब वोट डालने की प्रक्रिया बहुत मॉडर्न हो गई है। उन्होंने बताया कि लोगों से सुना है कि अब चुनाव आयोग ने सीनियर वोटरों, दिव्यागों को बड़ी सुविधाएं देने की तैयारी की है, लेकिन पुराने समय के चुनाव में जनता को कोई बेहतरीन सुविधाएं नहीं मिलती थी।