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अगर आपके घर में है हथियार तो हो जाएं सतर्क, खतरे में है अपनों की जान

अपनी सुरक्षा के लिए रखे लाइसेंसी हथियार ही जानलेवा साबित हो रहे हैं। तनाव, गुस्सा व शेखी के चक्कर में लोग लाइसेंसी पिस्टल व गन से जानें गंवा चुके हैं।

By Sat PaulEdited By: Published: Mon, 26 Nov 2018 01:36 PM (IST)Updated: Mon, 26 Nov 2018 05:58 PM (IST)
अगर आपके घर में है हथियार तो हो जाएं सतर्क, खतरे में है अपनों की जान
अगर आपके घर में है हथियार तो हो जाएं सतर्क, खतरे में है अपनों की जान

[लुधियाना, राजन कैंथ] अगर आपके घर में काेई लाइसेंसी हथियार है तो सतर्क हो जाएं। अपनी सुरक्षा के लिए घर में रखे हथियार अपनों की जान के लिए खतरा बने हुए है।जी हां, अपनी सुरक्षा के लिए रखे लाइसेंसी हथियार ही अब लोगों के लिए जानलेवा साबित हो रहे हैं। तनाव, गुस्सा व शेखी बघारने के चक्कर में कई लोग लाइसेंसी पिस्टल व गन से अपनी कीमती जानें गंवा चुके हैं। बहुत से लोग तो ऐसे हैं, जो लाइसेंसी हथियारों से हत्या व आत्महत्या जैसे घातक कदम उठाने से गुरेज नहीं करते। ऐसा ही एक मामला हाल ही में सामने आया। जब 14 नवंबर को जवद्दी निवासी रियल एस्टेट कारोबारी के बेटे इशांत (14) की सेल्फी लेते गोली चल गई। 9 दिन तक चले इलाज के बाद 23 नवंबर को उसने दम तोड़ दिया। कमिश्नरेट के अधीन आते क्षेत्र में करीब 17 हजार लोगों के पास लाइसेंसी हथियार हैं। इस तरह के मामले शिक्षित समाज के लिए बेहद चिंता का विषय हैं। जो यह साबित करने के लिए काफी हैं कि सुरक्षा के लिहाज से रखे हथियार कभी भी किसी के लिए भी जानलेवा साबित हो सकते हैं।

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जानिए, लोग क्यों रख रहे हैं हथियार

ज्यादा नकदी लेकर आने-जाने वाले कारोबारियों को सुरक्षा के मद्देनजर हथियार रखना पड़ता है, लेकिन बहुत से लोग केवल शौक और दूसरों पर दबदबा बनाने के लिए लाइसेंसी हथियार रखते हैं।

तनावग्रस्त आदमी का हथियार लॉक में रखें

मानस हॉस्पिटल के डॉक्टर राजीव गुप्ता का कहना है कि राज्य में नशा व बेरोजगारी बढऩे से लोगों में झल्लाहट व गुस्सा बढ़ गया है। तनाव में जाने पर लोग इस प्रकार के खतरनाक कदम उठाते हैं। सरकार को साल में लाइसेंस जारी करने के लिए मापदंड बनाने चाहिए। जो इंसान डिप्रेशन में हो, परिवार को चाहिए कि वो उसका हथियार घर में लॉक रखे। या फिर पुलिस के पास जमा करा दे। ऐसे इंसान का अच्छे डॉक्टर से इलाज कराना चाहिए।

इन लोगों को गंवानी पड़ी जान

-शहर में मेडिसिन किंग के नाम से विख्यात रहे राकेश दत्ता ने अपनी लाइसेंसी रिवॉल्वर से गोली मार कर सुसाइड कर लिया था। लेनदारों का दवाब था। शव बाथरूम में बाथ टब के पास पड़ा था।

-साहनेवाल के गांव मजारा निवासी हरजिंदर 22 वर्षीय ने पिता की 12 बोर की लाइसेंसी राइफल से गोली मार कर आत्महत्या कर ली थी। उस समय परिवार के सभी सदस्य बरामदे में सो रहे थे। 

-डाबा के ईशर नगर सी-ब्लॉक में युवक ने कनपटी पर गोली मार कर आत्महत्या कर ली थी। पास ही वो पिस्तौल पड़ा था जो साउथ सिटी निवासी कानूनगो सुखमिंदर सिंह के घर से चोरी हुआ था। 

-साहनेवाल के गांव नंदपुर में प्रॉपर्टी डीलर नवदीप सिंह ने पत्नी जसविंदर कौर को गोली मार खुद भी आत्महत्या कर ली थी। सुबह पांच बजे पत्नी के साथ गुरुद्वारा में माथा टेकने के बाद घर में चाय बना रही पत्नी पर चार गोलियां चलाई और फिर खुद को भी गोली मार ली।

-सिविल सिटी में कबाड़ का काम करने वाले प्रितपाल सिंह पाली (50) ने 22 जनवरी की शाम जस्सियां चौक स्थित अपने घर में गोली मार कर आत्महत्या कर ली। जिस समय यह हादसा हुआ, उसका पिता और विवाहित बेटी पास ही खड़े उसे रोक रहे थे।

-दुगरी में आर्किटेक्ट मंदीप बांसल की गोलियां मार कर हत्या कर दी गई थी। जांच में पता चला कि वारदात में इस्तेमाल किया गया लाइसेंसी रिवाल्वर आरोपितों ने चुराया था। जिसे अश्विनी कुमार ने फाइनांसर बलजिंदर सिंह बिल्ला के पास तीस हजार रुपये में गिरवी रखा हुआ था।

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