Move to Jagran APP

पांच साल से शुगर मिल को नहीं बेचा गन्ना, पंजाब के इस किसान ने सिरका बना की दस गुणा कमाई

पंजाब के संगरूर के गांव अकोई साहिब के किसान गुरमीत पांच वर्ष से गन्ना शुगर मिल में नहीं बेच रहे। वह इससे सिरका तैयार कर रहे हैं। वह गन्ने समेत 11 तरह का सिरका बनाकर दस गुणा से अधिक का मुनाफा कमा रहे हैं।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Mon, 01 Mar 2021 10:18 AM (IST)Updated: Mon, 01 Mar 2021 08:10 PM (IST)
पांच साल से शुगर मिल को नहीं बेचा गन्ना, पंजाब के इस किसान ने सिरका बना की दस गुणा कमाई
गन्ने से सिरका बना दस गुणा से अधिक कमाई। सांकेतिक फोटो

संगरूर [मनदीप कुमार]। धूरी क्षेत्र के गन्ना उत्पादक इस बात से परेशान हैं कि शुगर मिलों ने उनका पिछले साल का भुगतान अब तक नहीं किया। यह करीब 20 करोड़ रुपये बनता है, लेकिन इसी इलाके के गांव अकोई साहिब के किसान गुरमीत सिंह पिछले पांच साल से अपना गन्ना शुगर मिलों को नहीं बेच रहे। उन्होंने बाकी किसानों से हट कर अलग राह पकड़ी और गन्ने से मेडिसिनल यानी औषधीय गुणों वाला सिरका बनाना शुरू किया। अब वे अन्य किसानों के मुकाबले दस गुणा कमाई कर रहे हैं। गुरमीत कहते हैं कि वह कई सालों से गन्ना उगा रहे हैं। पहले शुगर मिलों को बेचते थे, लेकिन रेट सही नहीं मिलता था। रेट मिल भी जाए तो पेमेंट देरी से मिलती थी। वह गन्ने की काश्त से ऊब गए थे।

loksabha election banner

उनके पिता सोहन सिंह घर पर मिट्टी के घड़े में गन्ने का रस डालकर कई माह तक दबा देते थे, जिसमें कुछ अन्य सामग्री डालकर घर के लिए सिरका तैयार करते थे। इसी दिशा पर कदम बढ़ाते हुए उन्होंने पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (पीएयू) से 2015 में ट्रेनिंग ली और यह काम शुरू किया। यह प्रयास इतना सफल हुआ कि अब वह 11 प्रकार का सिरका तैयार करते हैं और पंजाब, दिल्ली व हरियाणा सहित अन्य राज्यों में इसे बेचते हैं।

अपने बनाए सिरकों के साथ संगरूर के गांव अकोई साहिब के किसान गुरमीत सिंह। जागरण

एक क्विंटल गन्ना शुगर मिल को बेचने पर 310 रुपये मिलते हैं। इसमें लेबर व ढुलाई का खर्च निकाल लें तो मुश्किल से 200-250 रुपये ही बचते हैं। वहीं, एक क्विंटल गन्ने से 30 से 40 बोतल सिरका तैयार हो जाता है। एक बोतल 100 रुपये में बिकती है। लेबर, ढुलाई, मशीनरी व पैकिंग आदि का खर्च निकालकर 2000 से 2500 रुपये बच जाते हैं। गुरमीत सिंह न केवल औषधीय सिरका बनाकर लोगों को निरोग बना रहे हैं, बल्कि गन्ने की खेती को मुनाफे का सौदा बनाने में भी कामयाब हुए हैं।

11 प्रकार का औषधीय सिरका

गुरमीत सिंह ने कहा कि आम तौर पर लोग सिरके का इस्तेमाल खाद्य पदार्थों व अचार आदि में करते हैं, लेकिन उनका बनाया 11 प्रकार का सिरका खाद्य पदार्थों में इस्तेमाल के साथ-साथ जोड़ों के दर्द, शुगर, सांस व पेट की बीमारियों, यूरिक एसिड, मोटापा, उच्च रक्तचाप को ठीक करने में भी कारगर है। गुरमीत जामुन, किकर के तुक्के, एलोविरा, पुदीना व मेथी, गन्ना, सेब, चुकंदर, गिलोय, हल्दी, लहसुन, कोड़तुंबा का सिरका तैयार करते हैं।

सेब को छोड़कर ज्यादातर चीजें वह खुद उगाते हैं। इसे जैविक पद्धति से बनाया जाता है। एसिड या केमिकल का इस्तेमाल नहीं होता। उपवैद्य का कोर्स कर चुके गुरमीत सिंह का कहना है कि अपने पुश्तैनी अनुभव व पढ़ाई के आधार पर वे लोगों को अगल-अलग बीमारियों के लिए सिरके का सेवन करने की सलाह देते हैं। इससे कई लोगों की बीमारियां ठीक हुई हैं। इसके लिए उन्हें पीएयू की ओर से वर्ष 2019 में विशेष अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है।

एक वर्ष में तैयार होता है

सिरका बनाने की विधि काफी लंबी है। गुरमीत के प्लांट में सैकड़ों टंकियां हैं। गन्ने के रस को अलग-अलग टंकी में एक वर्ष के लिए बंद कर दिया जाता है। निश्चित समय के बाद इन टंकियों से सिरका निकाला जाता है। गुरमीत सिंह का पूरा परिवार इस काम में जुटा है। इसके अलावा उन्होंने तीन अन्य लोगों को भी रोजगार दिया है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.